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उदयपुर हत्याकांड में हमलावर ‘धार्मिक आधार पर दुश्मनी’ बढ़ाने में जुटे

FIR में कहा गया है, 'हमलावरों ने कन्हैया लाल तेली की हत्या का वीडियो भी सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ प्रसारित किया कि धार्मिक आधार पर दुश्मनी को बढ़े और देशभर में लोगों में दहशत और आतंक पैदा हो'

उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल तेली की हत्या के आरोप में गिरफ्तार ग़ौस मोहम्मद और रियाज़, फाइल फोटो | एएनआई

नई दिल्ली: राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी कन्हैया लाल तेली की ‘क्रूर’ हत्या में शामिल हमलावरों ने ‘धार्मिक आधार पर दुश्मनी’ को बढ़ावा देने के लिए, देशभर में जनता के बीच ‘आतंक’ पैदा करने के लिए हमले का एक वीडियो प्रसारित किया.

गृह मंत्रालय (एमएचए) के आदेश के बाद मृतक की हत्या के एक दिन बाद इस जानकारी का उल्लेख राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा 29 जून को दर्ज की गई एफआईआर में किया गया है.

प्राथमिकी राजस्थान के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी कन्हैया के बेटे यश तेली की शिकायत पर आधारित है, जिसमें उनके पिता की दो हमलावरों द्वारा उनकी दुकान ‘सुप्रीम टेलर’, भूत महल मालदास गली, उदयपुर में धारदार हथियारों से नृशंस हत्या कर दी गई थी.

प्राथमिकी में उल्लेख है कि घटना में दुकान के दो कर्मचारी भी हमलावरों से घायल हुए थे.

प्राथमिकी में कहा गया है, ‘हमलावरों ने कन्हैया लाल तेली की हत्या का वीडियो भी सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ प्रसारित किया कि धार्मिक आधार पर दुश्मनी को बढ़े और देशभर में लोगों में दहशत और आतंक पैदा हो’

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यह नृशंस हत्या 28 जून को 3 और 3:30 को शाम को हुई, और एनआईए को 29 जून को एमएचए के काउंटर-टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन डिवीजन (सीटीसीआर) द्वारा जारी एक आदेश के माध्यम से जानकारी मिली थी.

इससे पहले उदयपुर जिले के धनमंडी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 16, 18 और 20 के तहत कन्हैया की हत्या के संबंध में दो हमलावरों द्वारा तेजधार हथियार से हमला करने का मामला दर्ज किया गया था.

‘जबकि, केंद्र सरकार की राय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 के तहत अनुसूचित अपराध है और अपराध की गंभीरता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभावों को ध्यान में रखते हुए, इसकी राष्ट्रीय जांच की आवश्यकता है.

एमएचए के आदेश के बाद, एनआईए ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 के अनुसार मामले की जांच शुरू की और केंद्रीय एजेंसी के पुलिस अधीक्षक रवि चौधरी, एक आईपीएस अधिकारी को मामले की मुख्य जांच अधिकारी के रूप में जांच करने का निर्देश दिया.

एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 452, 302, 153 (ए), 153 (बी), 295 (ए) और 34 और यूए (पी) अधिनियम, 1967 की धारा 16, 18 और 20 के तहत आरोपी जिसने कन्हैया लाल तेली की जघन्य हत्या की साजिश रची, योजना बनाई और उसे अंजाम दिया पर मामला फिर से दर्ज किया है.

मामला दर्ज होने के बाद, एनआईए की टीमों को भी उदयपुर भेजा गया और मामले की त्वरित जांच के लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू की गई.

मामले की जांच के दौरान दोनों आरोपित रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद को हिरासत में ले लिया गया.

एजेंसी के अनुसार, उदयपुर निवासी दोनों आरोपियों से एनआईए के जयपुर कार्यालय में पूछताछ की जा रही है.

एनआईए की छह से 10 सदस्यीय टीम एक महानिरीक्षक और एक उप महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी की निगरानी में मामले की जांच कर रही है.

अपराध करने के तुरंत बाद, दोनों आरोपियों ने सोशल मीडिया पर ‘सिर काटने’ के बारे में शेखी बघारते हुए एक वीडियो पोस्ट किया और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन को भी धमकी दी.

पीड़ित की हत्या कर दी गई क्योंकि उसने हाल ही में नूपुर शर्मा के समर्थन में एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा किया था. नूपुर शर्मा पूर्व भाजपा नेता हैं जिन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी की थी.

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