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टोक्यो ओलंपिक में चीन के मुक्केबाज से हारे आशीष कुमार, तीरंदाजी में भी भारतीय पुरुष टीम हारी

भारतीय खिलाड़ी मनिका बत्रा टोक्यो ओलंपिक खेलों की टेबल टेनिस प्रतियोगिता के महिला एकल में सोमवार को आस्ट्रिया की सोफिया पोलकानोवा से सीधे गेम में हारकर बाहर हो गयी.

भारतीय मुक्केबाज आशीष चौधरी | ट्विटर

टोक्यो: ओलंपिक में पदार्पण करने वाले भारतीय मुक्केबाज आशीष कुमार (75 किग्रा) को चीन के एरबीके तुओहेता के खिलाफ पहले दौर के मुकाबले में लचर शुरुआत का खामियाजा भुगतना पड़ा और हार के साथ ही उनका सफर खत्म हो गया.

एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले 27 साल के इस खिलाड़ी ने शुरुआती दौर के बाद लय पकड़ी लेकिन यह उन्हें 0-5 की हार से बचने के लिए काफी नहीं था.

हिमाचल प्रदेश के इस मुक्केबाज को चीन के खिलाड़ी ने पहले दौर में ही अपने मुक्कों के शानदार इस्तेमाल से पछाड़ दिया और उन्हें जजों के सर्वसम्मत फैसले से जीत दर्ज करने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई.

आशीष ने दूसरे दौर में वापसी की कोशिश में अधिक हमले किये लेकिन चीन का मुक्केबाज ज्यादातर मौके पर उन्हें चकमा देने में सफल रहा.

आशीष बायीं आंख के नीचे चोट के बावजूद तीसरे दौर में ताओहेता को परेशान करने में सफल रहे और जजों ने भी उनके पक्ष में फैसला दिया लेकिन चीन के खिलाड़ी ने निर्णायक बढ़त हासिल कर ली थी.

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आशीष ओलंपिक से बाहर होने वाले तीसरे भारतीय मुक्केबाज है. इससे पहले विकास कृष्ण (69 किग्रा) और मनीष कौशिक (63 किग्रा) भी शुरुआती दौर में हार के बाद बाहर हो गये थे.


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मनिका बत्रा तीसरे दौर में हारकर बाहर

भारतीय खिलाड़ी मनिका बत्रा टोक्यो ओलंपिक खेलों की टेबल टेनिस प्रतियोगिता के महिला एकल में सोमवार को आस्ट्रिया की सोफिया पोलकानोवा से सीधे गेम में हारकर बाहर हो गयी.

इससे पहले अपने से अधिक रैंकिंग की खिलाड़ियों को हराने वाले मनिका के पास विश्व में 16वें नंबर की पोलकानोवा के नियंत्रित और दमदार खेल का कोई जवाब नहीं था. उन्होंने 0-4 (8-11, 2-11, 5-11, 7-11) से यह मैच गंवाया.

मनिका इससे पहले अचंता शरत कमल के साथ मिश्रित युगल में भी बाहर हो गयी थी.


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कोरियाई टीम से हारकर भारतीय पुरुष तीरंदाजी टीम बाहर

अतनु दास, प्रवीण जाधव और तरुणदीप राय की भारतीय पुरुष तीरंदाजी टीम सोमवार को टीम स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में दक्षिण कोरिया की मजबूत टीम से हारकर टोक्यो ओलंपिक खेलों से बाहर हो गयी.

भारतीय तिकड़ी ने कजाखिस्तान को 6-2 से हराकर दिन की अच्छी शुरुआत की थी लेकिन क्वार्टर फाइनल में उनका सामना नंबर एक कोरिया से था जिससे उसे 0-6 से करारी हार का सामना करना पड़ा.

पुरुष टीम स्पर्धा में कोरिया के डियोक जे किम, वूजिन किम और जिनयेक ओह ने भारतीय टीम को 59-54, 59-57, 56-54 से हराया.

कोरियाई टीम का अभियान स्वर्ण पदक के साथ खत्म हुआ. फाइनल में उसने चीनी ताइपै को 6-0 से हराकर इन खेलों में अपना दबदबा बरकरार रखा.

इससे पहले मिश्रित युगल में दीपिका कुमारी और जाधव की जोड़ी भी कोरियाई टीम से हारकर क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पायी थी.

टीम स्पर्धाओं में निराशाजनक प्रदर्शन के कारण तीरंदाजी में ओलंपिक के पहले पदक की उम्मीदें धूमिल होती जा रही है.

कोरियाई पुरुष टीम पहले दो सेट में पूरी लय में दिखी. उसने कुल 12 में से 10 ‘परफेक्ट 10’ जमाकर भारतीयों पर दबाव बना दिया.

विश्व चैंपियनशिप 2019 की रजत पदक विजेता भारतीय टीम ने दूसरे सेट में अच्छी चुनौती पेश की और चार बार 10 अंक बनाये लेकिन दास आखिरी तीर पर केवल आठ अंक बना पाये और कोरियाई टीम ने यह सेट जीत दिया.

भारत को ग्वाटेमाला सिटी विश्व कप के स्वर्ण पदक विजेता दास ने निराश किया जिन्होंने इससे पहले कजाखिस्तान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया था. वह कोरिया के खिलाफ एक बार भी ‘परफेक्ट 10’ नहीं बना पाये.

दूसरी तरफ पहली बार ओलंपिक में खेल रहे जाधव ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था और पांच बार 10 के स्कोर बनाये जबकि तीसरे ओलंपिक में खेल रहे राय ने तीन बार 10 स्कोर बनाया लेकिन यह जीत के लिये पर्याप्त नहीं था.

सेना के अनुभवी तीरंदाज राय का संभवत: यह आखिरी ओलंपिक है. उन्होंने कहा, ‘जाहिर है यह उम्मीदों के मुताबिक नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘हमने पहले मैच से बेहतर तीरंदाजी की. बेशक, हम अभी भी सुधार कर रहे हैं. अब हमारे व्यक्तिगत मुकाबले हैं, हम उसमें अच्छा करने की कोशिश करेंगे.’

अपना पहला ओलंपिक 2004 में खेलने वाले इस तीरंदाज ने कहा, ‘ओलंपिक (क्वार्टर फाइनल में पहुंचना) में यह भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है. उम्मीद है कि हम जल्द ही पदक जीतेंगे.’

सेना में राय के साथी निशानेबाज जाधव ने कहा, ‘यह संतोषजनक है. मैंने बहुत सारी गलतियां की और उम्मीद है कि अगली बार मैं उन्हें सुधारूंगा और देश के लिए पदक जीतूंगा.’

कोरिया के खिलाफ अपने प्रदर्शन से निराश दास ने कहा, ‘हमें मिश्रित टीम में बहुत उम्मीद थी, लेकिन दुर्भाग्य से यह शायद हमारा दिन नहीं था.’

रियो (2016) के बाद अपना दूसरा ओलंपिक खेल रहे इस तीरंदाज ने कहा, ‘ओलंपिक में हर मैच फाइनल मैच होता है. चाहे वह पहले दौर का मैच हो या फाइनल, परिस्थितियां एक जैसी रहती हैं. इसलिए हमें सुधार करते रहना होगा, अपने डर, नकारात्मक सोच को दूर कर सही निशाना साधना होगा.’

इससे पहले दास ने कजाखिस्तान के खिलाफ छह ‘परफेक्ट 10’ बनाये थे जिससे भारत ने इलफात अब्दुललिन, डेनिस गैनकिन और सैंजार मुसायेव की टीम को 55-54, 52-51, 56-57, 55-54 से पराजित किया था.

ग्वाटेमाला सिटी विश्व कप के स्वर्ण पदक विजेता दास व्यक्तिगत दौर में 35वें स्थान पर रहे थे जिसके कारण वह अपनी पत्नी दीपिका कुमारी के साथ मिश्रित युगल में जोड़ी नहीं बना पाये थे. कजाखिस्तान के खिलाफ हालांकि वह अच्छी लय में दिखे.

कजाखिस्तान के खिलाड़ियों ने 10, 9 और 9 अंक बनाये जिसके जवाब में भारत के तीनों तीरंदाजों ने समान नौ अंक हासिल किये. भारत की तरफ से पहले सेट के दूसरे चरण में जाधव और दास ने 10 अंक बनाये जिससे टीम एक अंक से यह सेट जीतने में सफल रही. कजाखिस्तान के दो खिलाड़ी इस चरण में आठ-आठ अंक ही बना पाये थे.

दूसरे सेट के पहले चरण में कजाखिस्तान के तीनों तीरंदाजों ने समान आठ अंक बनाये जबकि भारत ने 28 अंक बनाकर मजबूत बढ़त बना दी. तेज हवाओं के कारण जाधव अगले चरण में केवल सात अंक बना सके लेकिन इसके बावजूद भारतीय टीम दास के 10 और नौ अंक से दूसरा सेट भी जीतने में सफल रही.

तीसरा सेट बेहद कड़ा रहा जिसमें दोनों टीमों की तरफ से तीन बार 10 अंक बनाये गये. कजाखिस्तान ने एक अंक से यह सेट जीतकर मैच को आगे खींच दिया. उसने चौथे सेट में भी शुरू में बढ़त बनायी लेकिन भारतीय टीम एक अंक से यह सेट और मैच अपने नाम करने में सफल रही.

भारत की तीरंदाजी में पदक की उम्मीद अब व्यक्तिगत मुकाबलों पर टिकी है जिसमें तीनों पुरुष खिलाड़ी और दीपिका बुधवार को मैदान पर उतरेंगे.


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