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कला जगत की मशहूर स्कॉलर कपिला वात्स्यायन का 91 वर्ष की आयु में निधन

कपिला वात्स्यायन, आईआईसी की आजीवन न्यासी थीं. वह आईआईसी में एशिया परियोजना की अध्यक्ष भी थीं. वात्स्यायन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की संस्थापक निदेशक थीं.

कपिला वात्स्यायन | फोटो: सोशल मीडिया

नई दिल्ली: भारतीय शास्त्रीय नृत्य, वास्तुकला, इतिहास और कला की प्रख्यात विदुषी कपिला वात्स्यायन का दिल्ली स्थित उनके आवास पर बुधवार को निधन हो गया. वह 91 वर्ष की थीं.

इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) के सचिव कंवल अली ने पीटीआई से कहा, ‘गुलमोहर एन्क्लेव में आवास पर आज सुबह नौ बजे उनका निधन हो गया.’

कपिला वात्स्यायन, आईआईसी की आजीवन न्यासी थीं. वह आईआईसी में एशिया परियोजना की अध्यक्ष भी थीं. वात्स्यायन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की संस्थापक निदेशक थीं.

उनका अंतिम संस्कार बुधवार दोपहर को लोधी श्मशान घाट पर किया जाएगा.

अली ने कहा, ‘अंतिम संस्कार आज दोपहर दो बजे होना है लेकिन मौजूदा पाबंदियों (कोविड-19) के चलते वहां सीमित संख्या में परिजन ही उपस्थित रहेंगे.’

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संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने ट्वीट कर कहा, ‘पद्मविभूषण डॉ कपिला वात्स्यायन के निधन का समाचार मिला मैं अंदर से दुखी हुआ. डॉक्टर वात्स्यायन का संस्कृति मंत्रालय के विभिन्न संस्थाओं में महत्वपूर्ण योगदान रहा. मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.’

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट कर कहा, ‘पद्मविभूषण से सम्मानित देश की प्रख्यात कलाविद एवं राज्यसभा की पूर्व सदस्य श्रीमती कपिला वात्स्यायन जी का निधन कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. वे संस्कृति, कला, वास्तु तथा इतिहास की विदुषी थीं. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें. भावभीनी श्रद्धांजलि.’

लेखक प्रभात रंजन ने भी ट्वीट कर कहा, ‘भारतीय कलामर्मज्ञ कपिला वात्स्यायन का निधन हो गया. कई कार्यक्रमों में उनको देखा था. उनकी उपस्थिति का अपना ही आलोक होता था. उनकी एक किताब पढ़ी थी ‘पारम्परिक भारतीय रंगमंच: अनंत धाराएं’, अनुवाद बदीउज़्ज़मा ने किया है. भारत की अनंत परम्परा की साधिका अनंत में विलीन हो गई. सादर नमन!’

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)


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