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अलीबाग जेल के लिए स्थानीय स्कूल में बनाए गए कोविड केंद्र में अर्णब गोस्वामी ने बिताई रात

पुलिस ने गोस्वामी की 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत ने कहा कि हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है.

पुलिस वैन में अर्णब गोस्वामी | फोटो: पीटीआई

अलीबाग (महाराष्ट्र): एक इंटीरियर डिजाइनर को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार ‘रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी ने एक स्कूल में रात गुजारी, जिसे अलीबाग जेल का कोविड-19 केन्द्र निर्दिष्ट किया गया है.

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले स्थित अलीबाग की एक अदालत ने इस मामले में गोस्वामी और दो अन्य आरोपियों को 18 नवम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

पुलिस ने गोस्वामी की 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत ने कहा कि हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है.

अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि चिकित्सकीय जांच के लिए गोस्वामी को बुधवार रात एक सरकारी अस्पताल ले जाया गया.

उन्होंने बताया कि चिकित्सकीय जांच के बाद उन्हें अलीबाग नगर परिषद स्कूल ले जाया गया, जहां उन्होंने रात बिताई. इस स्कूल को अलीबाग जेल का कोविड-19 केन्द्र बनाया गया है.

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आर्किटेक्ट एवं इंटिरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गोस्वामी और दो अन्य के खिलाफ भादंवि की धारा 306 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस ने बताया कि ‘कॉनकॉर्ड डिज़ाइन्स प्राइवेट लिमिटेड’ के मालिक अन्वय नाइक ने ‘सुसाइड नोट’ में दावा किया था कि गोस्वामी, ‘आईकास्टएक्स/स्कीमीडिया’ के फिरोज मोहम्मद शेख और ‘स्मार्ट वर्क्स’ के नीतीश सारदा ने उनके बकाया रुपये का भुगतान नहीं किया जिसकी वजह से वह आत्महत्या कर रहे हैं.

शेख और सारदा को भी बुधवार को अलीबाग की अदालत में पेश किया गया और उन्हें भी 18 नवम्बर तक हिरासत में भेज दिया गया है.

नाइक के ‘ससाइड नोट’ को पुणे में एक हस्तलेखन विशेषज्ञ के पास भेजा गया है और उसकी रिपोर्ट का इंतजार है.

अधिकारी ने बताया कि गोस्वामी की जमानत याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई होगी.

गोस्वामी ने मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द किए जाने का अनुरोध करते हुए दो नवम्बर को बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया था. इस पर न्यायमूर्ति एस.एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एम.एस. कर्णिक की एक खंडपीठ बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगी.

अधिकारी ने बताया कि मुम्बई पुलिस ने ड्यूटी पर एक पुलिस अधिकारी के काम में ‘बाधा डालने, उस पर हमला करने, अभद्र शब्द कहने तथा धमकाने’ और उनके घर पर ‘सरकारी दस्तावेजों’ (जिसमें गिरफ्तारी की सूचना दी गई थी) को फाड़ने के मामले में गोस्वामी की पत्नी, उनके बेटे और दो अन्य के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कराई है.

उन्होंने बताया कि एन.एम. जोशी मार्ग पुलिस थाने में बुधवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 353, 504, 506 और सार्वजनिक सम्पत्ति को क्षति पुहंचाने से संबंधित अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई.


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