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विरोध कोई भी कर सकता है, लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए: सिद्धरमैया

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

बेंगलुरु, 28 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक में साइनबोर्ड पर कन्नड भाषा में जानकारी प्रदर्शित करने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कानून अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ बृहस्पतिवार को चेतावनी जारी की और कहा कि विरोध कोई भी कर सकता है, लेकिन सरकारी या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।

बेंगलुरु में बुधवार को कन्नड समर्थक संगठन कर्नाटक रक्षणा वेदिके (टी ए नारायण गौड़ा गुट) के कार्यकर्ताओं द्वारा ऐसी दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई, जहां साइनबोर्ड, विज्ञापन और नाम पट्टिकाएं कन्नड भाषा में नहीं थीं।

मुख्यमंत्री इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।

कर्नाटक रक्षणा वेदिके मांग कर रहा है कि साइनबोर्ड पर कन्नड भाषा के लिए 60 प्रतिशत जगह होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने तोड़फोड़ की निंदा करते हुए कहा, ‘‘हम विरोध-प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हैं। हम अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाले या न्याय की मांगने वाले किसी भी व्यक्ति का विरोध नहीं करेंगे, लेकिन कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।’’

यहां संवाददातों से उन्होंने कहा कि साइनबोर्ड पर कन्नड को स्थान देने संबंधित नियमों के कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए उन्होंने गृह मंत्री के साथ बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका और पुलिस अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘कन्नड बोर्ड जरूरी हैं। यह कन्नड प्रदेश है और यहां बोर्ड कन्नड में होने चाहिए। हम अन्य भाषाओं के विरोधी नहीं हैं, लेकिन कन्नड प्रमुख होनी चाहिए।’’

उपद्रव के बाद गिरफ्तार किये गये कर्नाटक रक्षणा वेदिके के अध्यक्ष नारायण गौड़ा सहित 29 से अधिक कन्नड कार्यकर्ताओं को बेंगलुरु की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 10 जनवरी तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

भाषा खारी वैभव

वैभव

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