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अमरावती से सरकारी कार्यालयों के स्थानांतरण पर आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट की रोक, जगन मोहन सरकार को झटका

मुख्य न्यायाधीश जेके माहेश्वरी, न्यायमूर्ति एवी सेशा साई और न्यायमूर्ति एम सत्यनरायण मूर्ति की पीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि वह राजधानी के मुद्दे पर गठित उच्च अधिकार प्राप्त समिति की रिपोर्ट सभी संबंधित पक्षकारों को मुहैया कराए.

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वाई एस जगन मोहन रेड्डी की फाइल फोटो : एएनआई

अमरावती: आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य की वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार को झटका देते हुए गुरुवार को निर्देश दिया कि राजधानी के मामले पर दायर याचिकाओं का निपटारा होने तक राज्य सरकार के किसी कार्यालय का स्थानातंरण कहीं और नहीं होना चाहिए.

मुख्य न्यायाधीश जेके माहेश्वरी, न्यायमूर्ति एवी सेशा साई और न्यायमूर्ति एम सत्यनरायण मूर्ति की पीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि वह राजधानी के मुद्दे पर गठित उच्च अधिकार प्राप्त समिति की रिपोर्ट सभी संबंधित पक्षकारों को मुहैया कराए.

इसके साथ ही अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 26 फरवरी के लिए टाल दी.

उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ वकील अशोक भान ने अमरावती के असंतुष्ट किसानों का पक्ष रखा जो आंध्रप्रदेश विक्रेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों के समावेशी विकास विधेयक-2020 और एपीसीआरडीए (निरसन) विधेयक का विरोध कर रहे हैं जिसमें राज्य की तीन राजधानी बनाने का प्रस्ताव है. विधेयक के मुताबिक विशाखापत्तनम को कार्यकारी राजधानी, अमरावती को विधायी राजधानी और कुर्नूल को न्यायिक राजधानी बनाने का प्रस्ताव है.

पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने राज्य सरकार का पक्ष रखा. राज्य की विपक्षी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही है जिसकी वजह से मंगलवार को संबंधित विधेयक आठ घंटे तक राज्य विधान परिषद में पेश नहीं किया जा सका था. हालांकि, सरकार ने देर रात विधेयक पेश किया लेकिन बिना चर्चा सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.

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