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‘यह तो अभी शुरुआत है…’ गिरफ्तारी से पहले बोला अमृतपाल, रात में ही पहुंच गया था रोडवाल गुरुद्वारा

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को पकड़ने की कोशिश के दौरान पाल की पत्नी किरणदीप कौर को गुरुवार को अमृतसर के एक फ्लाइट में सवार होने से रोक दिया गया था और इमिग्रेशन डिपार्टमेंट द्वारा उनसे पूछताछ की गई थी.

वारिस पंजाब दे चीफ अमृतपाल सिंह की फाइल | एएनआई

नई दिल्ली: कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा से रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार गए जाने से कुछ देर पहले पाल ने एक संबोधन में कहा, “यह केवल शुरुआत है, अंत नहीं है.”

खालिस्तान समर्थक सिंह ने गिरफ्तारी से पहले मोगा के रोडेवाला गुरुद्वारे में एक छोटी सी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह आत्मसमर्पण कर रहा हैं “लेकिन अपनी लड़ाई जारी रखेगा.”

पंजाब के आईजीपी सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने आज सुबह करीब 6 बजकर 45 मिनट पर गांव रोडे से गिरफ्तार किया है. उसकी गिरफ्तारी के लिए अमृतसर पुलिस और पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस विंग द्वारा एक संयुक्त अभियान चलाया गया था.

पुलिस अमृतपाल को पकड़ने के लिए लगातार अभियान चला रही थी और उसके साथियों को गिरफ्तार कर रही थी.

पंजाब पुलिस अमृतपाल को कई दिनों से देश के कई हिस्सों में तलाश रही थी. कई बार आत्मसमर्पण किए जाने की अटकलों के बीच रविवार को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

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जब परिवार पर कसा शिकंजा तब बाहर आया अमृतपाल

खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल को पकड़ने की कोशिश के दौरान अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर को पंजाब पुलिस ने 20 अप्रैल को अमृतसर के श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बर्मिंघम जाने से रोका और उनसे पूछताछ की गई.

किरणदीप कौर को गुरुवार को अमृतसर से एक फ्लाइट में सवार होने से रोक दिया गया और इमिग्रेशन डिपार्टमेंट द्वारा उनसे पूछताछ की गई.

पंजाब पुलिस ने अमृतपाल और उसके सहयोगियों के खिलाफ अभियान शुरू किया था. पंजाब पुलिस ने इससे पहले आशंका जताई थी कि अमृतपाल बस के बजाय किसी और गाड़ी से दिल्ली में प्रवेश कर रहा है. इस इनपुट के बाद, दिल्ली पुलिस ने अलर्ट जारी किया था और भगोड़े कट्टर उपदेशक को लेकर कदम उठाए थे.

23 फरवरी को अमृतपाल के समर्थकों ने अमृतसर के अजनाला पुलिस थाने पर इनमें से एक सहयोगी को छोड़ने के मांग को लेकर धावा बोला था, जिसके लगभग तीन सप्ताह बाद यह कार्रवाई की गई थी.

अमृतपाल, अपने गुरु पपलप्रीत सिंह के साथ, 27 मार्च को होशियारपुर में पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा था – यह दूसरी बार था जब कट्टरपंथी उपदेशक पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा. लेकिन अमृतपाल सिंह के करीबी पपलप्रीत सिंह को पंजाब पुलिस और पंजाब काउंटर- इंटेलिजेंस ने एक संयुक्त अभियान चलाकर 10 अप्रैल को गिरफ्तार किया था.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और पंजाब पुलिस के संयुक्त अभियान में पपलप्रीत को होशियारपुर से गिरफ्तार किया गया था.

अमृतपाल तथा उसके साथियों पर विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य पैदा करने, हत्या का प्रयास करने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने और लोक सेवकों के काम में बाधा पैदा करने से जुड़े कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.

पपलप्रीत सिंह कट्टरपंथी सिख नेता अमृतपाल के साथ रह रहा था और वह 18 मार्च को पुलिस से बच गया था. पुलिस जब अमृतपाल और पपलप्रीत का पीछा कर रही थी तो दोनों ने एक साथ गाड़ियां भी बदली थीं. जैसा कि सीसीटीवी फुटेज में दिखाया गया है वे पंजाब से, हरियाणा, यूपी और शायद दिल्ली भाग गए थे.

पपलप्रीत सिंह को अमृतपाल सिंह के गुरुओं में से एक माना जाता है जो उन्हें विभिन्न मुद्दों पर सलाह देता है.

पुलिस ने शुक्रवार को होशियारपुर जिले में भगोड़े उपदेशक के “डेरा” और अन्य संभावित ठिकानों तक अमृतपाल सिंह की तलाश की थी. पुलिस ने संदिग्धों का पता लगाने के लिए एक ड्रोन भी तैनात किया था.


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