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इलाहाबाद HC की कमेटी का नोएडा के अस्पताल को आदेश, मरीज से वसूले गए अतिरिक्त पैसे लौटाए

गौतमबुद्ध नगर में कमेटी के सदस्य अपर जिलाधिकारी दिवाकर सिंह ने बताया ऐसे एक मामले में मुदित माहेश्वरी की शिकायत पर सेक्टर 41 स्थित एक अस्पताल प्रबंधन को पीड़ित को एक लाख रुपए लौटाने का आदेश दिया गया.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट. फाइल फोटो.

नोएडा : कोरोना वायरस की दूसरी लहर में मरीजों से ज्यादा धन वसूली करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा गठित महामारी जन शिकायत समिति (पीपीजीसी) ने एक अस्पताल के खिलाफ कदम उठाते हुए मरीज को एक लाख रुपये लौटाने का आदेश जारी किया है.

समिति ने एक अन्य मामले में शिकायती को पूर्व सैनिक स्वैच्छिक स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) का लाभ देने का आदेश भी जारी किया है. यहां सेक्टर 59 स्थित एकीकृत नियंत्रण कक्ष में हुई बैठक में समिति ने ये निर्णय लिये.

गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने हर जिले में ऐसी एक समिति बनाने का निर्देश जारी किया था.

गौतमबुद्ध नगर में कमेटी के सदस्य अपर जिलाधिकारी दिवाकर सिंह ने बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोरोना काल में अस्पतालों द्वारा मरीजों तथा उनके परिजनों से अत्यधिक शुल्क वसूले जाने के मामलों में जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. नोएडा की समिति में उनके साथ सीजीएम सुशील कुमार और डॉ सीपी त्रिपाठी शामिल हैं.

सिंह ने बताया कि समिति के पास कई लोगों की शिकायतें आ रही हैं जिनमें कोरोनावायरस की दूसरी लहर के समय अस्पतालों द्वारा मोटी रकम वसूले जाने तथा दवाओं और जांच के लिए ज्यादा पैसे लेने की शिकायतें है.

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उन्होंने बताया कि ऐसे एक मामले में मुदित माहेश्वरी की शिकायत पर सेक्टर 41 स्थित एक अस्पताल प्रबंधन को पीड़ित को एक लाख रुपए लौटाने का आदेश दिया गया है.

सिंह के अनुसार सतेंद्र भाटी नामक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि उनके पिता सेना में थे और वह ईसीएचएस के लाभार्थी हैं फिर भी ग्रेटर नोएडा स्थित एक अस्पताल में उनसे नकद भुगतान कराया गया. इस मामले में समिति ने आदेश दिया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस मामले में शिकायतकर्ता को ईसीएचएस का लाभ और धनराशि दिलाना सुनिश्चित करें.

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