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साइबर सुरक्षा नीति पर जांच एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा एम्स-दिल्ली

नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली अस्पताल और अपनी अन्य इकाइयों के लिए साइबर सुरक्षा नीति तैयार करने की खातिर विभिन्न जांच एजेंसियों के निर्देशन में काम कर रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

इस बीच साइबर हमले के कारण नौवें दिन भी एम्स के सर्वर डाउन रहे।

सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसियों से सुझाव मांगे गए हैं। इसके अलावा, ई-अस्पताल सेवाओं को फिर से शुरू करने और भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए एम्स में एक मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी (सीआईएसओ) को तदर्थ आधार पर नियुक्त किया जा रहा है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अलावा, भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन), दिल्ली साइबर अपराध विशेष प्रकोष्ठ सहित विभिन्न एजेंसियां रैंसमवेयर हमले की जांच कर रही हैं। रैंसमवेयर हमले के कारण कंप्यूटर तक पहुंच बाधित हो जाती है।

जांच एजेंसियों की सिफारिशों के अनुसार, अस्पताल में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

अधिकारियों ने बताया कि बाह्य रोगी, भर्ती रोगी और प्रयोगशाला सहित सभी अस्पताल सेवाओं को कागजी रूप से प्रबंधित किया जा रहा है।

इससे पहले मंगलवार को, अधिकारियों ने बताया कि सर्वर पर ‘ई-अस्पताल डेटा’ बहाल कर लिया गया है।

एम्स-दिल्ली ने एक बयान में कहा, ‘‘डेटा बहाली और सर्वर को दुरुस्त करने का कार्य प्रगति पर है और डेटा की मात्रा तथा अस्पताल सेवाओं के लिए सर्वर की बड़ी संख्या के कारण कुछ समय लग रहा है। साइबर सुरक्षा के लिए उपाय किए जा रहे हैं।’’

भाषा अविनाश मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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