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खरगोन में रामनवमी के दंगे के बाद पीएफआई ने वसूला था 55 लाख का चंदा : पुलिस

इंदौर (मध्यप्रदेश), 28 सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने खरगोन में 10 अप्रैल को रामनवमी की शोभायात्रा के बाद हुए दंगे को लेकर एक समुदाय के लोगों को कथित रूप से भड़काने की कोशिश की थी और दंगा प्रभावितों की मदद के नाम पर उनसे करीब 55 लाख रुपये का चंदा भी वसूला था। पुलिस के एक आला अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

इंदौर में पुलिस की खुफिया शाखा के उपायुक्त रजत सकलेचा ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया,‘‘हमें जांच में पता चला है कि खरगोन दंगे के बाद स्थानीय स्तर पर तेजी से हरकत में आए पीएफआई ने एक समुदाय के लोगों को भड़काने की कोशिश की थी और उनसे करीब 55 लाख रुपये का चंदा भी वसूला था। दंगा प्रभावितों की मदद के नाम पर यह चंदा वसूला गया था।’

उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर में पीएफआई की गतिविधियों की शुरुआत हालांकि 2008 से हुई थी, लेकिन 2020 के दौरान संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) तथा राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) के खिलाफ शहर में हुए विरोध प्रदर्शनों की कमान संभालने के चलते यह संगठन लोगों के बीच अचानक चर्चा में आ गया था।

पुलिस उपायुक्त ने बताया कि इन विरोध प्रदर्शनों के बाद इंदौर में अलग-अलग संगठनों की आड़ में पीएफआई की विद्वेषपूर्ण गतिविधियां तेज हुई थीं और संगठन समूचे पश्चिमी मध्यप्रदेश, खासकर राजस्थान की सीमा से सटे जिलों में अपना जाल फैलाने की कोशिश कर रहा था।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के चूड़ी विक्रेता तस्लीम अली (25) की इंदौर में 22 अगस्त 2021 को भीड़ में शामिल लोगों द्वारा पिटाई के बाद भी पीएफआई ने एक समुदाय के लोगों को कथित रूप से भड़काने की कोशिश की थी।

सकलेचा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने से पहले, इंदौर में पीएफआई के साथ औपचारिक रूप से जुड़े लोगों की तादाद 70 से 75 के बीच थी और यह संगठन सोशल मीडिया के दुरुपयोग से खासकर कम पढ़े-लिखे लोगों और दिहाड़ी पर छोटे-मोटे काम करने वाले लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश करता था।

उन्होंने बताया कि 22 सितंबर को एनआईए के देशव्यापी छापों के वक्त इंदौर के जवाहर मार्ग पर पीएफआई के दफ्तर से आपत्तिजनक दस्तावेज तथा अन्य सामग्री बरामद की गई थी और इसके बाद दफ्तर पर ताला जड़ते हुए पुलिस की तैनाती की गई थी।

सकलेचा ने बताया कि पीएफआई पर प्रतिबंध के बाद इसके बंद दफ्तर के आस-पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की देशव्यापी मुहिम में 22 सितंबर को इंदौर से पीएफआई के तीन नेताओं को गिरफ्तार किया गया था, जबकि शहर में इस संगठन से जुड़े चार अन्य लोगों को 27 सितंबर को मध्यप्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया था। भाषा हर्ष राजकुमार

राजकुमार

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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