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लुधियाना बम विस्फोट मामले में मुल्तानी से पूछताछ के लिए NIA की एक टीम जाएगी जर्मनी

एनआईए के एक अधिकारी के मुताबिक, एनआईए मुल्तानी को भारत लाने की कार्रवाई शुरू करेगी लेकिन उसके पहले उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.

ब्लास्ट की साइट का विजुअल (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः लुधियाना ब्लास्ट मामले में पूछताछ के लिए एनआईए की एक टीम ‘सिख फॉर जस्टिस’ के सदस्य जसविंदर सिंह मुल्तानी से पूछताछ के लिए जर्मनी रवाना होगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी.

अधिकारी के मुताबिक, एनआईए मुल्तानी को भारत लाने की कार्रवाई शुरू करेगी लेकिन उसके पहले उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.

अधिकारी ने कहा, ‘यह खालिस्तानी समर्थक अपना एजेंडा चलाने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को कट्टर बनाते हैं. पंजाब चुनाव के पहले इस तरह की गतिविधियों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही ताकि राज्य में शांति को भंग किया जा सके.

उन्होंने कहा, ‘मुल्तानी को जर्मनी की पुलिस द्वारा नजरबंद किया गया था और उससे सवाल पूछे जा रहे हैं. वह रडार पर हैं. एफआईआर रजिस्टर करने के बाद टीम उनसे पूछताछ करने के लिए जर्मनी जा रही क्योंकि हमारे पास लुधियाना बम ब्लास्ट में उनके शामिल होने और भविष्य में इसी तरह के अन्य ब्लास्ट करने की योजना बनाने के ठोस सबूत हैं.

बता दें कि जर्मनी के अधिकारियों ने भारत से मिली खुफिया सूचना के आधार पर सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से कथित रूप से संबंध रखने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. लुधियाना में हाल में हुए बम विस्फोट के पीछे एसजेएफ का हाथ होने का संदेह है.

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अधिकारियों ने मंगलवार बताया कि जसविंदर सिंह मुल्तानी के रूप में पहचाने गए व्यक्ति को खुफिया जानकारी साझा किये जाने के बाद जर्मनी के एक शहर में हिरासत में लिया गया है. इस जानकारी में भारत में आतंकी हमलों की योजना बनाने में उसकी कथित भूमिका पर प्रकाश डाला गया था.

मुल्तानी के खिलाफ पंजाब में दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. उसे पकड़कर हिरासत में रखा गया है . बर्लिन में अधिकारियों को भारतीय एजेंसियों द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर राजयनिक माध्यमों से उससे पूछताछ की जा रही है.

मुल्तानी को 23 दिसंबर को लुधियाना अदालत परिसर में हुए बम विस्फोट के पांच दिन बाद हिरासत में लिया गया है, जिसमें कथित तौर पर बम लगाने वाले बर्खास्त पुलिसकर्मी गगनदीप की मौत हो गई थी और दो अन्य घायल हो गए थे.


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