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छायाकारों की नजरों से सिनेमाघरों का एक खोया हुआ युग

कोलकाता, 28 मई (भाषा) दो जाने-माने छायाकार हमेशा के लिए बंद हो चुके सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में फिल्म देखने से जुड़ी मानवीय भावनाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक साथ आए हैं।

यहां चल रही प्रदर्शनी ‘कर्टेन क्लोज्स’ में फोटो पत्रकार अमित धर और वाणिज्यिक छायाकार सत्यकी घोष द्वारा खींची गईं 29 तस्वीरें हैं जो विभिन्न सिनेमा हॉल, उनके परिवेश, अब फीके पड़ चुके ‘एनालॉग प्रोजेक्टर’ और दर्शकों के दृष्टिकोण को दर्शाती हैं।

काउंटर पर टिकट खरीदने के लिए सिनेप्रेमियों की भीड़, राष्ट्रगान के लिए खड़े होने से लेकर साथ में फिल्म देखने वाली बुजुर्ग महिलाओं के क्लोज-अप और मध्यांतर के दौरान ‘बीड़ी’ का कश लेते थके-मांदे दिहाड़ी मजदूर तक की तस्वीरें इसमें शामिल हैं।

कोलकाता के बालीगंज इलाके में प्रदर्शनी का उद्घाटन फिल्मकार सत्यजीत रे के बेटे संदीप ने 15 मई को किया था और यह 29 मई तक चलेगी।

घोष ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘आजकल, कोई भी मोबाइल फोन पर फिल्म देख सकता है। सभी मल्टीप्लेक्स और अधिकतर सिंगल स्क्रीन जो अभी भी काम कर रहे हैं, उनमें डिजिटल प्रोजेक्शन प्रणाली है। मेरी कुछ तस्वीर एनालॉग प्रणाली से संबंधित हैं जो अब प्रचलन में नहीं है।’’

विभिन्न कारणों से पिछले कुछ वर्षों में देश भर में बड़ी संख्या में सिंगल स्क्रीन थिएटर बंद हो गए हैं।

भाषा नेत्रपाल अविनाश

अविनाश

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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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