होम देश दीवाली के एक दिन पहले दिल्ली की हवा ‘खराब’ कैटेगरी में, धुंध...

दीवाली के एक दिन पहले दिल्ली की हवा ‘खराब’ कैटेगरी में, धुंध जैसी हालत

जीरो से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है.

दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की फोटो । एएनआई

नई दिल्लीः दीवाली से एक दिन पहले दिल्ली में धुंध की छाई हुई थी, क्योंकि वायु गुणवत्ता 266 के साथ ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है.

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के अनुसार, पूरे दिल्ली क्षेत्र में एक्यूआई सूचकांक रविवार सुबह 266 पर ‘खराब’ श्रेणी में, दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में 329 के साथ ‘बहुत खराब’ श्रेणी में, मथुरा रोड और लोधी रोड में 293 और 218 के साथ ‘खराब’ गुणवत्ता दर्ज की गई. पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर ‘खराब’ श्रेणी में क्रमश: 110 और ‘मध्यम’ श्रेणी में 237 दर्ज किया गया.

इस बीच, नोएडा की समग्र वायु गुणवत्ता भी एक्यूआई 311 के साथ ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही. हालांकि, गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता 139 के एक्यूआई के साथ ‘मध्यम’ श्रेणी में रही.

जीरो से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है.

सफर ने संवेदनशील समूहों को लंबे समय तक या भारी परिश्रम को कम करने और अधिक ब्रेक लेने और कम तीव्र गतिविधियां करने की सलाह दी.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

‘एस्थेमैटिक्स, खांसी या सांस की तकलीफ के लक्षण होने पर दवा तैयार रखें. हृदय रोगियों को धड़कन, सांस लेने में तकलीफ या असामान्य थकान होने पर डॉक्टर को दिखाएं.

इस बीच, दिल्ली सरकार ने इस साल पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और फोड़ने के साथ-साथ उल्लंघन के मामले में जुर्माना और जेल की सजा पर प्रतिबंध लगा दिया है.

वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ अभियान की भी घोषणा की.

अभियान के तहत जनप्रतिनिधि और अधिकारी वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए यात्रियों को लाल बत्ती पर अपने वाहन बंद करने के लिए प्रेरित करेंगे.

सर्दियों में आसपास के पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में पराली जलाए जाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता भी प्रभावित होती है.

फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉ. अशोक सेठ ने कहा कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में जहरीली हवा में सांस लेना जारी है, प्रदूषण न केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह हमारे दिलों को भी प्रभावित करता है.

आमतौर पर वायु प्रदूषण को फेफड़ों की समस्या से जोड़ा जाता है लेकिन इससे हृदय के रोग भी हो जाते हैं.

डॉ सेठ ने कहा, ‘वास्तव में, जैसा कि हम पिछले कुछ वर्षों में युवा लोगों के हृदय रोग में वृद्धि देख रहे हैं, मेरा मानना है कि यह वायु प्रदूषण के कारण होता है जो पिछले 20 वर्षों में बदतर हो गया है और साथ ही उनकी जीवन शैली भी. पिछले 20 वर्षों से, इसे कार्डियोलॉजी के सभी आधिकारिक वैज्ञानिक निकायों द्वारा मान्यता दी गई है.’

डॉ सेठ ने बताया कि कैसे वायु प्रदूषण हृदय की धमनियों में सूजन का कारण बनता है और हृदय को नुकसान पहुंचाता है.


यह भी पढ़ेंः हाई टेक मशीनें, 9 हजार से अधिक वर्कर, जानिए वंदे भारत ट्रेन बनाने वाली इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के बारे में


 

Exit mobile version