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58% भारतीयों को भरोसा है कि देश में तीसरी कोविड लहर से निपटने की पर्याप्त तैयारियां : सर्वे

कम्युनिटी प्लेटफॉर्म लोकलसर्किल की तरफ से किए गए एक सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि 75% भारतीयों का लगता है कि अर्थव्यवस्था स्वतंत्रता दिवस 2022 तक कोविड के प्रभाव से उबर जाएगी.

हेल्थ वर्कर 27 अप्रैल, 2021 को हैदराबाद में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर सुविधाओं के साथ एक नए 100 बिस्तरों वाले आईसीयू कोविड वार्ड में कोविड-19 रोगियों की देखभाल करता हुआ | प्रतीकात्मक तस्वीर | पीटीआई

नई दिल्ली: भारत के हर पांच में तीन नागरिकों को भरोसा है कि देश में इस साल कोविड-19 महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए पर्याप्त तैयारियां हैं.

कम्युनिटी प्लेटफॉर्म लोकलसर्किल ने अपना यह सर्वेक्षण भारत के अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करने के मौके पर किया और उत्तरदाताओं से जानना चाहा है कि उनकी राय में देश अगले 12 महीनों में किस दिशा में आगे बढ़ेगा.

लोकल सर्किल ने 75,000 से अधिक लोगों पर सर्वेक्षण के नतीजों के संदर्भ में गुरुवार को जारी एक प्रेज्ञ बयान में कहा, ‘लोगों से विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी.’

प्रमुख निष्कर्ष

लोकल सर्किल की तरफ से सामने रखे गए सवालों में कम से कम दो पर अधिकांश उत्तरदाता काफी आशावादी नजर आए.
अर्थव्यवस्था पर कोविड के प्रभाव को लेकर निष्कर्षों से पता चलता है कि 75 प्रतिशत भारतीयों का मानना है कि भारत 15 अगस्त 2022 को जब अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरा करेगा, तब तक अर्थव्यवस्था में काफी सुधार हो चुका होगा.

लोकल सर्किल ने बताया, ‘सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले 31% नागरिकों ने कहा कि अर्थव्यवस्था ‘काफी हद तक ठीक हो जाएगी लेकिन पूरी तरह से नहीं उबरेगी’ और 15% ने कहा कि इसमें ‘सीमित सुधार’ हो पाएगा. 3% नागरिकों का मानना है कि अर्थव्यवस्था ‘बिल्कुल नहीं उबर पाएगी’ और 5% ने कहा कि यह ‘और भी खराब हो जाएगी’, जबकि 2% ने कोई राय नहीं जताई.’

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एक अन्य प्रमुख प्रश्न कोविड की आगामी संभावित तीसरी लहर से संबंधित था और इसमें लोगों से पूछा गया कि क्या इस साल अगस्त-दिसंबर में देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली उसी तरह प्रभावित होने के आसार हैं जैसा हाल अप्रैल-मई में दूसरी लहर के दौरान हुआ था.

कुल मिलाकर, 58 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि भारत ने कमजोर पड़ रही दूसरी लहर से काफी कुछ सीखा है और आने वाले महीनों में संभावित तीसरी लहर के लिए पहले से कहीं अधिक तैयार है.

लोकल सर्किल ने बताया, ‘26% नागरिकों ने कहा कि उन्हें ‘अत्यधिक भरोसा’ है. 32% नागरिकों ने कहा कि वे ‘कुछ हद तक आश्वस्त’ हैं, और 25% ने कहा कि उन्हें ‘थोड़ा-बहुत ही भरोसा’ है. 13% नागरिकों ने कहा कि उन्हें ‘बिल्कुल भी भरोसा नहीं है, जबकि 4% ने कोई राय नहीं है वाला विकल्प चुना.’

अन्य निष्कर्ष

लोकल सर्किल के सर्वेक्षण में अधिकांश अन्य प्रश्नों के उत्तर में उत्तरदाताओं ने अधिकतर निराशा ही दिखाई. उदाहरण के तौर पर केवल 20 प्रतिशत उत्तरदाता अगले वर्ष ‘सबके विकास और समृद्धि’ की आशा कर रहे हैं. करीब इतने फीसदी उत्तरदाता ही देश के विकास और समृद्धि की दिशा में बढ़ने की क्षमता में भरोसा रखते हैं.


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इसी तरह, सर्वेक्षण में शामिल केवल 26 प्रतिशत भारतीयों का अनुमान है कि देश में अगले 12 महीनों में पर्याप्त मात्रा में ‘नए रोजगार और उद्यमिता के अवसर’ उत्पन्न हो पाएंगे.

इसके अलावा, 35 प्रतिशत का मानना है कि भारत 15 अगस्त 2022 तक काफी हद तक रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में सफल हो सकता है, जबकि सामाजिक स्थिरता पर देश की प्रगति की क्षमता में भरोसे का स्तर 26 फीसदी है.

कैसे किया सर्वेक्षण

लोकल सर्किल ने अपने नतीजों में बताया कि उसे इस सर्वेक्षण पर देशभर के 280 जिलों में 75,000 से अधिक लोगों की प्रतिक्रियाएं मिलीं.

सर्वे की जनसांख्यिकी के बारे में विस्तार से बताते हुए इसमें कहा गया है, ‘68% उत्तरदाता पुरुष थे जबकि 32% उत्तरदाता महिलाएं थीं. 43% उत्तरदाता टियर 1 शहरों, 37% टियर 2 शहरों और 20% उत्तरदाता टियर 3 और टियर 4 में आने वाले शहरों और ग्रामीण जिलों से थे.

हालांकि, विशिष्ट प्रश्नों के उत्तर का देने वालों में कुल उत्तरदाताओं का एक छोटा हिस्सा ही शामिल था.

आर्थिक सुधार और तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों से जुड़े सवालों पर क्रमशः 11,081 और 8,880 उत्तर मिले थे जबकि बाकी प्रश्नों पर 10,600 से 11,300 तक उत्तर मिले.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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