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मध्य प्रदेश में कर्ज़माफी प्रक्रिया के दौरान आईं 25 हज़ार शिकायतें

कर्ज़माफी के फॉर्म भराने की प्रक्रिया 15 जनवरी से चल रही है. इसके लिए सभी पंचायतों में कर्ज़दार किसानों की सूची लगाई गई है.

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खेत की जोताई करते हुए किसान, प्रतीकात्मक तस्वीर । यूट्यूब

भोपाल: मध्य प्रदेश में ‘जय किसान फसल ऋण माफी’ योजना के तहत चल रही आवेदन (फॉर्म) भराने की प्रकिया के दौरान चौंकाने वाली शिकायतें सामने आ रही हैं. अब तक 25 हजार से ज़्यादा शिकायतें आ चुकी हैं. इन शिकायतों के निपटारे के लिए नियंत्रण कक्ष बनाए जाने की तैयारी चल रही है. सूत्रों के अनुसार, कर्ज़माफी के फॉर्म भराने की प्रक्रिया 15 जनवरी से चल रही है. इसके लिए सभी पंचायतों में कर्ज़दार किसानों की सूची लगाई गई है. उमरिया, शहडोल, आगर-मालवा सहित कई स्थानों से शिकायतें आई हैं कि जिन किसानों ने कर्ज़ लिया ही नहीं, उनके नाम भी कर्ज़दारों की सूची में बताया जा रहा है.

सागर ज़िले में बिना कर्ज़ लिए पांच लाख रुपये से ज़्यादा कर्ज़ लेने की बात सामने आने पर सरदई गांव के आदिवासी मुकुंदी (65) को सदमा लगा और दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई. ऐसे कई और मामले सामने आने के बाद सरकार हरकत में आई है. सरकार ने फर्ज़ी तरीके से कर्ज लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला लिया है.

एक अधिकारी ने नाम ज़ाहिर न करने की शर्त पर कहा कि कर्ज़माफी के फॉर्म 15 जनवरी से भराए जा रहे हैं. पंचायतों में सूचियां चस्पा की गई हैं. उसके बाद बीते 10 दिनों में प्रदेशभर के विभिन्न हिस्सों से 25 हज़ार से ज़्यादा शिकायतें आ चुकी हैं. इनमें कई तरह की शिकायतें हैं. शिकायतों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखकर नियंत्रण कक्ष बनाया जा रहा है.

सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह प्रदेश में पूर्व में स्वीकृत ऋण मामलों में अनियमितताओं के दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश पहले ही दे चुके हैं और अब किसान व कल्याण और कृषि विभाग ने भी गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का मन बनाया है. इस संदर्भ में आदेश भी जारी किए जा चुके हैं.

आधिकारिक तौर पर गुरुवार को किसान कल्याण और कृषि विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जिन किसानों ने कर्ज़ नहीं लिया है, फिर भी उनका नाम सूची में है, उनसे भी फॉर्म भरवाए जा रहे हैं, ताकि गड़बड़ी ठीक कराई जा सके. इनकी सूची 5 फरवरी के बाद तैयार की जाएगी और किसानों के नाम पर धोखाधड़ी या फर्जी तरीके से कर्ज़ लेने वालों के खिलाफ सहकारिता विभाग जांच कराएगा. दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज़ कर कार्रवाई की जाएगी.

कर्ज़माफी योजना के तहत किसानों से तीन अलग-अलग रंग के फॉर्म भरवाए जा रहे हैं. हरा (आधार कार्ड प्रमाणित), सफेद (गैर-आधार कार्ड प्रमाणित) और गुलाबी (जिनके नाम दोनों रंग की सूची में नहीं है). जब फॉर्म भराए जाने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, उसके बाद सूची सार्वजनिक कर दावे या आपत्ति स्वीकार किये जाएंगे. पात्र किसानों की कर्ज़माफी होगी. वहीं गड़बड़ी करने के मामले में शामिल लोगों को दंडित किया जाएगा.

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