बेंगलुरु: स्वतंत्रता सेनानी एच एस दोरैस्वामी का बुधवार को यहां एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.
उनकी उम्र 103 साल थी.
वह 13 मई को कोरोना वायरस संक्रमण से उबरे थे. उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि उनमें कोविड-19 के हल्के लक्षण सामने आये थे. पांच दिन बाद ही वह अस्पताल से घर लौट आये थे.
दोरैस्वामी की दो संतान हैं.
उनके करीबी वुडी पी कृष्णा ने बताया , ‘अभी अभी मुझे जयदेव अस्पताल से सूचना मिली कि दोरैस्वामी नहीं रहे. दिल का दौरा पड़ने से वह चल बसे.’
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं
हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.
दस अप्रैल सन् 1918 को जन्मे होरोहल्ली श्रीनिवासैया दोरैस्वामी ने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था और वह 1943 और 1944 के बीच 14 महीने तक जेल में रहे.
इन गांधीवादी नेता ने आजादी के बाद तत्कालीन मैसूरू महराज पर अपनी रियासत का विलय करने के वास्ते दबाव डालने के लिए ‘मैसूरू चलो’ आंदोलन में भी हिस्सा लिया था.
बेंगलुरु के सेंट्रल कॉलेज के छात्र रहे दोरैस्वामी अध्यापन के पेशे में थे और वह ‘पौरावनी’ नामक एक अखबार भी निकालते थे.
उम्र उनके जज्बे को नहीं डिगा सकी और वह अंत तक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता रहे. उन्होंने कोविड-19 महामारी फैलने से पहले तक कई आंदोलनों में हिस्सा लिया था.