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हरियाणा में भाजपा सरकार गिराने में कांग्रेस का समर्थन करने को तैयार : जजपा

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

(परिवर्तित स्लग के साथ)

(तस्वीर के साथ)

चंडीगढ़, आठ मई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने तीन निर्दलीय विधायकों के हरियाणा सरकार से समर्थन वापस लेने के एक दिन बाद बुधवार को कहा कि अगर कांग्रेस राज्य में भाजपा सरकार को गिराने का प्रयास करती है तो वह उसकी मदद करने के लिए तैयार है।

बहरहाल, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि उनकी सरकार किसी संकट में नहीं है।

निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी) ने मंगलवार को भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया और घोषणा की कि वे कांग्रेस का समर्थन करेंगे। इसके बाद कांग्रेस ने दावा किया कि राज्य विधानसभा में सैनी सरकार अल्पमत में आ गयी है और उसने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।

राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम में तेजी से बदलाव ऐसे वक्त में आ रहा है जब लोकसभा चुनाव के लिए मतदान में महज 15 दिन बचे हैं और अक्टूबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।

हिसार में पत्रकारों से बातचीत में जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यदि सैनी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो वे सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे।

चौटाला ने कहा, ‘‘मैं विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बताना चाहता हूं कि विधानसभा में मौजूदा संख्या को देखते हुए अगर इस सरकार को (लोकसभा) चुनाव के दौरान गिराने के लिए कोई कदम उठाया जाता है तो हम इसमें बाहर से उनका समर्थन करने पर पूरी तरह विचार करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब कांग्रेस को सोचना है कि वह भाजपा सरकार को गिराने के लिए कदम उठाती है या नहीं।’’

उन्होंने अपनी पार्टी के भाजपा से फिर से गठबंधन करने की संभावना को भी खारिज कर दिया। दोनों पार्टियों ने मार्च में गठबंधन तोड़ा था।

चौटाला ने कहा, ‘‘मैंने बिल्कुल साफ कर दिया है कि जजपा अब भाजपा के साथ नहीं जाएगी।’’

उन्होंने मांग की कि सैनी बहुमत साबित करें या अपना इस्तीफा सौंपें।

हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की मौजूदा संख्या 88 है। करनाल और रानिया विधानसभा सीट खाली हैं। सदन में भाजपा के 40 विधायक, कांग्रेस के 30 और जजपा के 10 विधायक हैं। इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) और हरियाणा लोकहित पार्टी का एक-एक सदस्य है। छह निर्दलीय विधायक हैं।

सरकार के पास दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी है।

मुख्यमंत्री सैनी ने निर्दलीय विधायकों द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बारे में पूछे जाने पर सिरसा में पत्रकारों से कहा, ‘‘सरकार किसी संकट में नहीं है, वह मजबूती से काम कर रही है।’’

सैनी सिरसा लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार अशोक तंवर के लिए प्रचार कर रहे थे।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सैनी ने कहा कि विपक्षी पार्टी कुछ लोगों की निजी आकांक्षाओं को पूरा करने की सोच रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा, लेकिन हरियाणा के लोग कांग्रेस के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि पूरा देश विपक्षी दल की ‘‘करतूतों’’ को देख रहा है।

सैनी ने कहा, ‘‘कांग्रेस जानती है कि वह लोगों की आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर सकती और इसीलिए उन्हें गुमराह करती है। वह भ्रम की स्थिति पैदा करने की कोशिश करती है कि राज्य सरकार अल्पमत में है। सरकार किसी संकट में नहीं है और वह मजबूती से काम कर रही है।’’

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने चंडीगढ़ में एक सवाल पर कहा कि सैनी सरकार ने 13 मार्च को विश्वास मत जीता था।

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम कैसे कह सकते हैं कि सरकार अल्पमत में है? यह बरकरार है और पहले की तरह काम कर रही है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है, इस पर अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आमतौर पर जब कोई अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो दूसरा प्रस्ताव उसके छह महीने बाद ही लाया जा सकता है। यह एक तकनीकी मामला है।’’

कांग्रेस की हरियाणा इकाई के प्रमुख उदय भान ने कहा कि पार्टी राज्यपाल को पत्र लिखकर सूचित करेगी कि तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद सैनी सरकार अल्पमत में है और उसे बर्खास्त किया जाना चाहिए, राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए और नए सिरे से चुनाव कराने की घोषणा की जाए।

उन्होंने जजपा, इनेलो और निर्दलीय विधायक बलराज कुंडु को भी भाजपा का विरोध करने के उनके दावों को विश्वसनीयता देने के लिए राज्यपाल को इसी तरह का पत्र लिखने को कहा।

कुछ जजपा विधायकों के भाजपा को समर्थन देने संबंधी सवाल पर चौटाला ने कहा कि उनमें से तीन को नोटिस जारी किया गया है और उन्हें जवाब देने को कहा गया है।

उन्होंने कहा कि उनके पार्टी विधायक व्हिप से बंधे हैं और यदि कोई किसी और को समर्थन देना चाहता है तो पहले उसे इस्तीफा देना पड़ेगा।

सैनी को मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया था और तभी जजपा का भाजपा के साथ चुनाव बाद साढ़े चार साल का गठबंधन खत्म हो गया था।

हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं जबकि करनाल विधानसभा के लिए उपचुनाव राज्य में 10 लोकसभा सीटों पर मतदान के साथ 25 मई को कराया जाएगा।

निवर्तमान लोकसभा में कुरुक्षेत्र से सांसद सैनी विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा के प्रत्याशी हैं और अगर वह जीतते हैं तो विधानसभा में पार्टी के सदस्यों की संख्या बढ़कर 41 हो जाएगी।

भाषा गोला शफीक

शफीक

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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