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सरकार ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य सहित दो अधिकारियों को हटाया

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

जयपुर, सात मई (भाषा) राजस्थान सरकार ने अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्रकरण में दो बड़े चिकित्सा अधिकारियों को हटा दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने सवाई मान सिंह (एसएमएस) मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा एवं एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा तत्काल प्रभाव से पद से विमुक्त कर दिया है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने एक बयान में बताया कि राज्य सरकार ने अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी जारी किये जाने के प्रकरण में बड़ा ‘एक्शन’ लिया है।

उन्होंने कहा कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने डॉ. राजीव बगरहट्टा को सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक के पद से तथा डॉ. अचल शर्मा को एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।

सिंह ने कहा कि इसके साथ ही, राज्य सरकार ने ‘कार्डियोलॉजी’ विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी को एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक तथा वरिष्ठ आचार्य (निश्चेतन) डॉ. सुशील भाटी को एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक के पद का अग्रिम आदेशों तक कार्यभार सौंपा है।

उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने एक अप्रैल को अंग प्रत्यारोपण के सिलसिले में अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी करने की एवज में रिश्वत लेने के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि ये आरोपी पैसे लेकर फर्जी एनओसी जारी कर रहे थे। इसके बाद जयपुर के कई अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई।

भाषा पृथ्वी राजकुमार

राजकुमार

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