कोल्लम (केरल), 23 मई (भाषा) केरल की एक अदालत ने सोमवार को आयुर्वेद की छात्रा विस्मया के पति को दहेज हत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी ठहराया। विस्मया ने पिछले साल जून में अपने ससुराल में फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली थी।
विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) जी मोहनराज ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1 सुजीत केएन ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और दहेज निषेध अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत दहेज उत्पीड़न के अपराध के लिए व्यक्ति को दोषी ठहराया।
एसपीपी ने कहा कि अभियोजन पक्ष और दोषी की ओर से दलीलें सुनने के बाद अदालत द्वारा मंगलवार को सजा सुनाए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष दोषी एस किरण कुमार के लिए अधिकतम सजा की मांग करेगा।
आईपीसी की धारा 304बी के तहत दहेज हत्या के अपराध में न्यूनतम सात साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा का प्रावधान है। आईपीसी की धारा 498ए के तहत दहेज उत्पीड़न और आईपीसी की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध में क्रमशः तीन साल और 10 साल की जेल की अधिकतम सजा होती है।
विस्मया के पिता ने अदालत के बाहर पत्रकारों से कहा कि उनकी बेटी को न्याय मिला है। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष और जांच दल के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त करने के वास्ते उनके पास शब्द नहीं हैं।
फैसला सुनाए जाने से ठीक पहले राज्य के परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने संवाददाताओं से कहा कि आपराधिक मामले में अदालत के फैसले के बावजूद कुमार को सेवा से बर्खास्त करने के राज्य सरकार के फैसले में कोई बदलाव नहीं होगा। कुमार सहायक मोटर वाहन निरीक्षक था।
अदालत ने 17 मई को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। केरल पुलिस ने अपने 500 पृष्ठ के आरोपपत्र में कहा था कि विस्मया ने दहेज प्रताड़ना के चलते आत्महत्या की थी। 22 वर्षीय विस्मया 21 जून, 2021 को कोल्लम जिले के सस्थामकोट्टा में अपने पति के घर में मृत पाई गई थी।
घटना से एक दिन पहले, विस्मया ने कुमार द्वारा दहेज को लेकर कथित रूप से प्रताड़ित करने के साथ-साथ अपने शरीर पर चोट और मारपीट के निशान की तस्वीरें अपने रिश्तेदारों को व्हाट्सऐप संदेश में भेजे थे।
उसके पिता ने एक टीवी चैनल को बताया था कि 2020 में शादी के दौरान कुमार को सोना और एक एकड़ से अधिक जमीन के अलावा 10 लाख रुपये की एक कार दहेज के रूप में दी गई थी। पिता ने बताया कि कुमार को कार पसंद नहीं आई और वह 10 लाख रुपये नकद चाहता था। जब उसे बताया गया कि यह संभव नहीं है, तो वह विस्मया को प्रताड़ित करने लगा।
भाषा सुरभि प्रशांत
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