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विद्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी के मामले में जांच तेज, दिल्ली पुलिस ने सीबीआई से मांगी मदद

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 200 से ज्यादा विद्यालयों को बम से उड़ाने की ईमेल के जरिए धमकी मिलने के मामले में दिल्ली पुलिस ने ई-मेल के सटीक स्रोत का पता लगाने के लिए बृहस्पतिवार को रूसी मेल सेवा कंपनी मेल.आरयू से इंटरपोल के माध्यम से संपर्क किया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

दिल्ली पुलिस ने इंटरपोल के जरिए सूचना हासिल करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को भी पत्र लिखा है।

मामले में दर्ज की गई प्राथमिकी में कहा गया है कि विद्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी वाले ई-मेल का इरादा बड़े पैमाने पर दहशत पैदा करना और राष्ट्रीय राजधानी में लोक व्यवस्था को बिगाड़ना था। अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। हालांकि बुधवार को विद्यालयों को उनके परिसरों में बम रखे होने की धमकी भरा ईमेल मिलने के बाद पुलिस ने विद्यालय परिसरों की जांच की थी लेकिन वहां से कुछ भी नहीं मिला था।

दिल्ली-एनसीआर के 200 से अधिक विद्यालयों को बुधवार सुबह ई-मेल के माध्यम से विद्यालयों परिसरों में बम होने की झूठी धमकी मिली, जिससे अभिभावकों और छात्रों में दहशत फैल गई। बम होने की अफवाह के बाद विद्यालयों को कक्षाएं निलंबित करनी पड़ीं और अभिभावकों से अपने बच्चों को स्कूलों से ले जाने के लिए कहा गया।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि जांच अधिकारियों ने ई-मेल आईडी की जांच करने के लिए अपनी सोशल मीडिया खुफिया टीम का इस्तेमाल किया है और उन्होंने उपकरण के आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) पते का पता लगाने के लिए रूसी कंपनी से संपर्क किया है जिससे ई-मेल भेजा गया था।

पुलिस के मुताबिक, जांच अधिकारियों का मानना है कि प्रेषक ने ई-मेल भेजते समय अपनी पहचान छिपाने के लिए वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का इस्तेमाल किया।

पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि दक्षिण दिल्ली के एक स्कूल को 2023 में ईमेल से धमकी दी गई थी। अधिकारी ने कहा कि ईमेल भेजने वाले ने उसी मेल सेवा, मेल डॉट आरयू का इस्तेमाल किया था। अधिकारी ने कहा कि उस मामले में प्रेषक का पता नहीं चल पाया।

अधिकारी ने बताया कि लेकिन नए मामले में, दिल्ली पुलिस ने इंटरपोल के माध्यम से कंपनी को पत्र लिखा है और प्रेषक के विवरण तक पहुंचने में मदद मांगी है। इंटरपोल एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो दुनिया भर में पुलिस सहयोग की सुविधा प्रदान करता है।

हालांकि, एक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ के अनुसार यदि प्रेषक ने ई-मेल भेजने के लिए वीपीएन या प्रॉक्सी सर्वर का उपयोग किया है तो उसके आईपी पते और विवरण का पता लगाना मुश्किल हो सकता है।

कुछ विद्यालयों के प्राचार्यों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कई स्कूल बृहस्पतिवार को सामान्य स्थिति में खुले लेकिन उन स्कूलों में भी उपस्थिति प्रभावित हुई है जहां ये धमकी भरे मिले नहीं गए थे।

दिल्ली पुलिस ने स्कूलों में बम होने की झूठी जानकारी देने के मामले में इंटरपोल के जरिए सूचना हासिल करने के लिए सीबीआई को भी पत्र लिखा है।

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि सीबीआई को भारत का राष्ट्रीय केन्द्रीय ब्यूरो भी कहा जाता है और इसे इंटरपोल इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। यह इंटरपोल के साथ सभी संवाद और समन्वय के लिए जिम्मेदार है।

उन्होंने बताया कि सीबीआई दिल्ली पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी इंटरपोल को भेज सकती है और फिर इंटरपोल इसे सभी सदस्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजेगा।

जांचकर्ता मामले को सुलझाने के लिए इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) और भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) सहित अन्य एजेंसियों की भी मदद ले रहे हैं।

मामले में, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 505 (2) (वर्गों के बीच दुश्मनी, घृणा या दुर्भावना पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान), 507 (गुमनाम संचार द्वारा आपराधिक धमकी), और 120 (बी) (आपराधिक साजिश की सजा) के तहत स्पेशल सेल पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

भाषा आशीष अमित

अमित

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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