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राहुल गांधी के करीबी सहयोगी सैम पित्रोदा ने ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने अपनी विवादित टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के बाद बुधवार को ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।

पित्रोदा की उस टिप्पणी को लेकर बुधवार को विवाद खड़ा हो गया जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘‘पूर्व के लोग चीनी और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी नागरिकों जैसे दिखते हैं’’। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पित्रोदा की ‘‘नस्ली’’ टिप्पणियों को लेकर उन पर निशाना साधते हुए दावा किया कि इससे विपक्षी दल की ‘‘विभाजनकारी’’ राजनीति बेनकाब हो गई है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने पित्रोदा के निर्णय को स्वीकार कर लिया है।

रमेश ने कहा, ‘‘श्री सैम पित्रोदा ने अपनी मर्जी से ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका निर्णय स्वीकार कर लिया है।’’

पित्रोदा ने एक पॉडकास्ट में कहा, ‘‘हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं। जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी जैसे लगते हैं।’’

कांग्रेस ने हालांकि पित्रोदा की टिप्पणियों से खुद को अलग करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य बताया। पार्टी ने कहा कि वह इन टिप्पणियों से खुद को ‘‘पूरी तरह से अलग’’ करती है।

पित्रोदा की टिप्पणी से खुद को अलग करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘सैम पित्रोदा द्वारा भारत की विविधताओं को जो उपमाएं दी गई हैं, वह अत्यंत गलत और अस्वीकार्य हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से अपने आप को पूर्ण रूप से अलग करती है।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए पित्रोदा की भारतीयों की त्वचा के रंग संबंधी कथित नस्ली टिप्पणी को लेकर विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा और जोर देकर कहा कि देशवासी त्वचा के रंग के आधार पर अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें अब यह बात समझ में आ गई है कि देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को हराने की कोशिश इसलिए की थी क्योंकि उनकी ‘त्वचा का रंग सांवला’ है।

उन्होंने स्पष्ट तौर पर सैम पित्रोदा के संदर्भ में कहा, ‘‘मुझे आज पता चला कि शहजादे के एक अंकल अमेरिका में रहते हैं। वह उनके दार्शनिक और मार्गदर्शक हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘शहजादे के दार्शनिक और मार्गदर्शक ने एक बड़ा राज खोला है। उन्होंने कहा कि जिनकी त्वचा का रंग सांवला है, वे सभी अफ्रीका के हैं।’’

पित्रोदा ने एक पॉडकास्ट में कहा, ‘‘हम 75 साल से बहुत सुखद माहौल में रह रहे हैं, जहां कुछ लड़ाइयों को छोड़ दें तो लोग साथ रह सकते हैं।’’

पित्रोदा ने सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित इस साक्षात्कार में कहा, ‘‘हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं। जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी जैसे लगते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम सभी भाई-बहन हैं। भारत में अलग-अलग क्षेत्र के लोगों के रीति-रिवाज, खान-पान, धर्म, भाषा अलग-अलग हैं, लेकिन भारत के लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।’’

इससे पहले पित्रोदा ने विरासत कर के बारे में बात करके विवाद खड़ा कर दिया था, जिसे भाजपा ने चुनावी मुद्दा बना लिया।

पित्रोदा ने कांग्रेस के घोषणापत्र में ‘संपदा के पुन: वितरण’ के मुद्दे पर बात करते हुए ‘अमेरिका में विरासत कर’ का उल्लेख किया था। इसके बाद भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधना शुरू कर दिया था।

इस टिप्पणी पर विवाद बढ़ने के बीच कांग्रेस महासचिव रमेश ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘सैम पित्रोदा द्वारा भारत की विविधताओं को जो उपमाएं दी गई हैं, वह अत्यंत गलत और अस्वीकार्य हैं। कांग्रेस इन उपमाओं से अपने आप को पूर्ण रूप से अलग करती है।’’

बाद में रमेश ने पित्रोदा के इस्तीफे के फैसले की घोषणा की और कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने इसे स्वीकार कर लिया है।

भाजपा ने पित्रोदा की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव आगे बढ़ रहा है, विपक्षी पार्टी का मुखौटा उतरता जा रहा है।

पार्टी ने दावा किया कि पित्रोदा की ‘‘नस्ली’’ टिप्पणियों ने देश को नस्ल, धर्म और जाति के आधार पर बांटने की कांग्रेस की कोशिश को उजागर किया है।

भाजपा ने विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस द्वारा असहमति जाहिर करने संबंधी रुख को खारिज कर दिया और संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पित्रोदा का आतंकवाद और 1984 के सिख विरोधी दंगों सहित कई मुद्दों पर ‘‘अपमानजनक और आपत्तिजनक’’ टिप्पणियां करने का इतिहास रहा है।

पार्टी ने कहा कि 1984 के दंगों को लेकर एक सवाल पर पित्रोदा ने कहा था ‘‘हुआ तो हुआ’’। पार्टी ने कहा कि 2019 में जब देश में आम चुनाव की तैयारी हो रही थी तो उन्होंने पुलवामा आतंकवादी हमले के संदर्भ में कहा था ‘‘ऐसे हमले होते रहते हैं’’।

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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