नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) भारत अगले पांच वर्ष में सुशासन पहल के तहत क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करके बांग्लादेश के 1,500 लोकसेवकों को प्रशिक्षित करेगा। सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव वी. श्रीनिवास ने बताया कि इस संबंध में मौजूदा समझौता ज्ञापन (एमओयू) की अवधि अगले पांच साल तक बढ़ाने के लिए एक पत्र का आदान-प्रदान जल्द ही किया जाएगा।
मौजूदा समझौते के विस्तार पर सहमति श्रीनिवास की अध्यक्षता में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल की 28-30 अप्रैल की बांग्लादेश यात्रा के दौरान बनी थी।
श्रीनिवास ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘दोनों पक्ष मौजूदा एमओयू के नवीनीकरण पर सहमत हुए, जिसमें 2025 से 2030 तक भारत के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) में 1,500 बांग्लादेशी अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम की परिकल्पना की गई है।’’
उन्होंने कहा कि एमओयू में वरिष्ठ अधिकारियों के लिए 14 कार्यक्रमों और प्रबंधन के लोगों के लिए 32 कार्यक्रमों की परिकल्पना की गई है।
एनसीजीजी और बांग्लादेश लोक प्रशासन मंत्रालय ने 2014 से बांग्लादेशी लोकसेवकों के वास्ते क्षमता निर्माण कार्यक्रम संचालित करने के लिए सहयोग किया है।
श्रीनिवास ने कहा कि द्विपक्षीय सहयोग के तहत, 71 क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए गए और सहयोग शुरू होने के बाद से 2,600 बांग्लादेशी लोकसेवकों ने एनसीजीजी का दौरा किया है।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार ने इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों को महत्वपूर्ण बताया है और एनसीजीजी तथा बांग्लादेश लोक प्रशासन मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन के नवीनीकरण में रुचि व्यक्त की है।
भाषा
देवेंद्र नेत्रपाल
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