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पंजाब के फिरोजपुर में बेअदबी के आरोप में 19 वर्षीय युवक की पीट-पीटकर हत्या

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

फिरोजपुर (पंजाब), पांच मई (भाषा) फिरोजपुर में शनिवार को एक गुरुद्वारे में हुई कथित बेअदबी की घटना के बाद 19 वर्षीय युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि तल्ली गुलाम गांव के निवासी बख्शीश सिंह ने बंडाला गांव में स्थित गुरुद्वारे के परिसर में प्रवेश करने के बाद सिखों की पवित्र पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब के कुछ पन्ने कथित तौर पर फाड़ दिए थे।

युवक के पिता लखविंदर सिंह ने बताया कि बख्शीश मानसिक रूप से अस्वस्थ था और उसका इलाज किया जा रहा था।

पुलिस ने बेअदबी के आरोप में युवक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। हालांकि, बख्शीश के पिता ने पुलिस से उनके बेटे की हत्या करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की।

पुलिस के मुताबिक, बख्शीश ने गुरु ग्रंथ साहिब के कुछ पन्ने कथित तौर पर फाड़ दिए और फिर भागने की कोशिश की। उसने कहा कि कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया और कथित घटना की खबर फैलते ही गांववाले गुरुद्वारे में इकट्ठा हो गए, जिसके बाद युवक की पिटाई की गई।

पुलिस ने बताया कि बाद में युवक की मौत हो गई।

पुलिस ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार समिति के अध्यक्ष लखवीर सिंह की शिकायत पर आरिफ के थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए ( धार्मिक मान्यताओं का दुर्भावनापूर्ण अपमान करने) के तहत बख्शीश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।

पुलिस ने बख्शीश के पिता की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की है।

सिखों की सर्वोच्च पीठ अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने बेअदबी की घटना पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने बख्शीश की मौत को ‘दोषियों को कानून द्वारा अनुकरणीय दंड देने में विफलता’ की प्रतिक्रिया बताया।

इसके अलावा, जत्थेदार ने सिख ‘संगत’ से युवक के परिवार का सामाजिक और धार्मिक बहिष्कार करने और किसी भी गुरुद्वारे में उसका अंतिम संस्कार नहीं करने देने को भी कहा है।

सिंह ने एक बयान में कहा कि लंबे समय से एक ‘सुनियोजित साजिश’ के तहत गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाएं हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार का कानून न तो बेअदबी की घटनाओं को रोकने में सफल साबित हो रहा है और न ही दोषियों को सजा दिलाने में।

उन्होंने कहा, ‘सिखों के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब से ऊपर कुछ भी नहीं है और बेअदबी की घटनाएं सिखों की आत्मा व मन को बुरी तरह ठेस पहुंचाती हैं।’

अकाल तख्त के जत्थेदार ने कहा कि जब कानून का शासन ‘अपना कर्तव्य निभाने में बुरी तरह विफल’ हो जाता है, तो लोग अपने तरीके से न्याय मांगने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

भाषा जोहेब सिम्मी

सिम्मी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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