होम देश न्यायाधीश बनकर अपराधियों को जमानत देने वाले शातिर कार चोर की मौत

न्यायाधीश बनकर अपराधियों को जमानत देने वाले शातिर कार चोर की मौत

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) न्यायाधीश बनकर अपराधियों को जमानत देने से लेकर लग्जरी कार चुराने में माहिर अपराधी धनीराम मित्तल की 85 साल की उम्र में मौत हो गई।

पुलिस ने बताया कि कई दशकों तक अपराध की दुनिया में सक्रिय रहे मित्तल की बृहस्पतिवार को मौत हो गई, जो स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से जूझ रहा था।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब और राजस्थान में चोरी के 150 मामलों में मित्तल 90 से अधिक बार जेल गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘मित्तल के अपराधों की सूची लंबी है, वह अपने जीवनकाल में चोरी, धोखाधड़ी और जालसाजी के 1,000 से अधिक मामलों में सीधे तौर पर शामिल था।’’

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मित्तल सबसे पहले 1964 में धोखाधड़ी के एक मामले में फंसा था और उसके बाद वह लगातार अपराध में लिप्त रहा।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने याद किया कि मित्तल ने निजी इस्तेमाल के लिए हरियाणा स्थित झज्जर अदालत की पार्किंग से कारें चुराई थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम मित्तल की आपराधिक प्रोफाइल पढ़ रहे थे, तो हमें पता चला कि वह कुछ दिनों के लिए झज्जर में न्यायाधीश बनकर पहुंचने में कामयाब रहा और लंबी सजा काट रहे अपराधियों को रिहा करने का आदेश पारित कर दिया।’’

अधिकारी ने कहा कि मित्तल काफी पढ़ा लिखा था और उसने रोहतक से प्रथम श्रेणी में बीएससी और बाद में राजस्थान से एलएलबी किया।

अधिकारी ने बताया कि एलएलबी के बाद, उसने विभिन्न अधिवक्ताओं के लिए मुंशी (क्लर्क) के रूप में काम किया। लेकिन वह अपनी निजी खुशी के लिए कारें चुराता था। उसने जाली दस्तावेज़ भी बनाए और स्टेशन मास्टर की नौकरी हासिल की और 1968 से 1974 तक काम किया। बृहस्पतिवार को उसकी मौत हो गई, क्योंकि वह बीमार था और उसे दिल का दौरा पड़ा था।

मित्तल का दिल्ली के निगमबोध घाट पर उसके बेटे ने अंतिम संस्कार किया।

भाषा शफीक नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

Exit mobile version