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दोहरी नागरिकता के मुद्दे पर ज्यादा समर्थन नहीं मिला : थरूर

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

पणजी, तीन मई (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने पहले भी अधिकारियों के समक्ष दोहरी नागरिकता का मुद्दा उठाया था लेकिन उन्हें ज्यादा समर्थन नहीं मिला।

तिरुवनंतपुरम के सांसद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, कहा कि विदेश में रहने वाले लोगों को अपने भारतीय पासपोर्ट रखने की अनुमति दी जानी चाहिए, इस मुद्दे पर “ज्यादा व्यापक समझ” की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, “मैंने पहले भी इस मुद्दे को उठाया था लेकिन वर्तमान सरकार या भाजपा या पिछली सरकार से दोहरी नागरिकता पर समर्थन नहीं मिला।”

थरूर ने कहा, “विदेश में रहने वाले बहुत से भारतीयों को पेशेवर सुविधा, यात्रा, काम आदि जैसे कारणों से विदेशी पासपोर्ट लेना पड़ता होगा। लेकिन उनके दिल अब भी यहीं हैं और वे अब भी अपनी मातृभूमि से भावनात्मक जुड़ाव महसूस करते हैं। हमें इसे पहचानने के ठोस तरीके खोजने होंगे।”

संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव के रूप में कार्य कर चुके पूर्व राजनयिक थरूर ने यह भी कहा कि भारत की विदेशी नागरिकता वास्तव में एक गलत संज्ञा है।

उन्होंने कहा, “यह नागरिकता नहीं है, केवल जीवन भर का वीजा है। और जैसा कि हमने भाजपा सरकार के साथ देखा है, सरकार उस वीजा को भी रद्द कर सकती है। हमें निश्चित रूप से इस नीति पर फिर से विचार करने और इसे और अधिक टिकाऊ बनाने का प्रयास करने की आवश्यकता है।”

उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों को अपने पासपोर्ट रखने के लिए प्रोत्साहित करने और अनुमति देने की आवश्यकता है, भले ही परिस्थितियों के कारण उन्हें विदेश में दूसरा पासपोर्ट लेने की आवश्यकता हो।

थरूर ने कहा, “लेकिन, हमें ऐसा करने के लिए एक कानूनी फॉर्मूला ढूंढना होगा।” उन्होंने कहा कि वह संसद में दोहरी नागरिकता के लिए आवाज उठाएंगे।

नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9 के साथ पढ़े गए संविधान के अनुच्छेद 9 के प्रावधानों के अनुसार भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है।

भाषा

प्रशांत माधव

माधव

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