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दिल्ली रिज: न्यायालय ने केंद्र, अन्य से सीईसी रिपोर्ट पर जवाब मांगा

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) की उस “चौंकाने वाली” रिपोर्ट पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी, जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय राजधानी में रिज का पांच प्रतिशत क्षेत्र अतिक्रमण का शिकार है।

रिज दिल्ली में अरावली पहाड़ी श्रृंखला का विस्तार है और एक चट्टानी, पहाड़ी और वन वाला क्षेत्र है। प्रशासनिक कारणों से इसे चार क्षेत्रों- दक्षिण, दक्षिण-मध्य, मध्य और उत्तर में विभाजित किया गया है। इन चार क्षेत्रों का कुल क्षेत्रफल लगभग 7,784 हेक्टेयर है।

मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि न्याय मित्र के रूप में शीर्ष अदालत की सहायता कर रहे वकील के. परमेश्वर ने सीईसी रिपोर्ट को रिकॉर्ड में रखा है।

पीठ ने कहा, “रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाली स्थिति दर्शाती है।”

न्याय मित्र ने कहा कि रिपोर्ट में रिज में अतिक्रमण का विवरण है और आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार, रिज का उपयोग गैर-वानिकी उद्देश्यों के लिए तेजी से किया जा रहा है।

पीठ ने कहा, “इससे पता चलता है कि पांच प्रतिशत क्षेत्र अतिक्रमण के अधीन है और विचलन की दर भी चार प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रही है…।”

उसने कहा, “इसलिए, हम भारत संघ, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार और दिल्ली विकास प्राधिकरण को वर्तमान रिपोर्ट पर 10 जुलाई या उससे पहले अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करने का निर्देश देते हैं।”

पीठ ने इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिये 24 जुलाई की तारीख तय की।

भाषा प्रशांत माधव

माधव

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