चेन्नई, 27 अप्रैल (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शनिवार को अधिकारियों को इस गर्मी में लोगों को निर्बाध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने राज्य के कई हिस्सों में चल रही ‘लू’ की स्थिति के मद्देनजर यहां राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और कहा कि गर्मी अपने साथ दो तरह के संकट लेकर आई है।
स्टालिन ने कहा, ‘‘एक तो अत्यधिक गर्मी और दूसरा पीने के पानी की बढ़ती मांग। हालांकि, पिछले पूर्वोत्तर मानसून के दौरान तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में भारी वर्षा हुई थी जिसके कारण बाढ़ आ गई थी। जबकि राज्य के अन्य हिस्सों, विशेषकर पश्चिमी जिलों, जिन्हें जलग्रहण क्षेत्र माना जाता है, इन क्षेत्रों में कम वर्षा हुई।’’
इस समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव और अन्य विभागीय सचिवों ने मुख्यमंत्री को पेयजल की कमी के बारे में बताया।
इसके अलावा, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने उल्लेख किया है कि इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान, शुरुआती एक या दो महीनों में वर्षा की मात्रा अपेक्षा से कम हो सकती है।
स्टालिन ने कहा, ‘‘इसलिए, अब हम एक कठिन स्थिति में हैं, जहां हमें बांधों में पानी का संयम से उपयोग करना होगा और अगले दो महीनों के लिए पीने के पानी की आवश्यकता को पूरा करना होगा। ’’
मुख्यमंत्री ने मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी विभाग के अधिकारियों से पेयजल समस्या से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लेने और समस्याओं का तुरंत समाधान करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि राज्य के 22 जिलों को पहले ही सूखाग्रस्त जिले घोषित किया जा चुका है और जल आपूर्ति कार्यों के लिए राज्य आपदा राहत कोष से 150 करोड़ रुपये रखे गए हैं। नगर निगम के अधिकारियों को विभिन्न संयुक्त पेयजल योजनाओं के कामकाज की निगरानी करनी चाहिए और उनका रखरखाव करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से आग्रह करते हुए कहा, ‘‘गर्मियों के दौरान पानी की मांग अधिक होती है, जबकि पानी की उपलब्धता कम हो जाती है। इसे ध्यान में रखें और जनता के हित के लिए एकजुट होकर प्रयास करें। ’’
भाषा रवि कांत माधव
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