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टि्वटर पर अनियंत्रित वक्तव्य पत्रकारिता के लिए हो सकते हैं घातक

रुचिरा सेन (ओ पी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी)

नयी दिल्ली, दो मई (360 इंफो) दुनिया भर में ट्विटर का सबसे अधिक इस्तेमाल पत्रकार करते हैं और वे इसके सक्रिय उपयोगकर्ताओं में से हैं। लेकिन, टि्वटर को अनियंत्रित वक्तव्यों और भाषणों का एक मंच बनाने का कदम पत्रकारिता के लिए घातक साबित हो सकता है।

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (आईएफजे) के महासचिव एंथनी बेलांगेर का कहना है कि ट्विटर पत्रकारों के कार्यालयों का ही एक विस्तारित रूप है, इसलिए इस पर पोस्ट की जाने वाली सामग्री को नियमित करना आवश्यक है।

दुनिया के 146 देशों के छह लाख पत्रकारों का प्रतिनिधित्व करने वाला समूह आईएफजे चाहता है कि ट्विटर के उपयोगकर्ताओं द्वारा पोस्ट की जाने वाली सामग्री को नियमित करना और कानून के दायरे में रखने की नीति को जारी रखा जाना चाहिए।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बड़े पैरोकार एवं अरबपति कारोबारी एलन मस्क द्वारा टि्वटर के अधिग्रहण के बाद पत्रकारों की यह मांग तेज हो गयी है।

बेलांगेर ने कहा, ‘‘हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि ट्विटर के लिए एलन मस्क की योजना गलत दिशा में जा रही है। इससे पत्रकारों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं को बढ़ावा मिलेगा तथा उपयोगकर्ताओं की गुप्त पहचान एवं निजी जानकारी को भी खतरा होगा।’’

मस्क द्वारा टि्वटर के अधिग्रहण के साथ ही डिजिटल रूप से पत्रकारों की घेराबंदी जारी है।

एंथनी बेलांगेर ने कहा कि एक स्तर पर, लगभग हम सभी डेटा पूंजीवाद की दुनिया से घिरे हुए हैं। सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने अपनी निजी जानकारियों और डेटा को कंपनियों को सौंप दिया है और इसे उपयोगकर्ता द्वारा इन प्लेटफॉर्मों के इस्तेमाल के तरीके में हेरफेर करने के लिए एक वस्तु के रूप में खरीदा और बेचा जाता है।

उदाहरण के तौर पर जी-मेल का इस्तेमाल दुनिया की आबादी का छठा हिस्सा करता है। इसमें भी कुछ निश्चित शर्तों के साथ उपयोगकर्ता की निजी जानकारियां किसी तीसरे पक्ष के साथ साझा की जाती हैं।

निजी ईमेल पढ़ना केवल एक पहलू है। गूगल मैप तथा यूट्यूब पर खोजी गयीं चीजों की जानकारियां भी विज्ञापन उद्योग से जुड़ी कंपनियों के साथ साझा की जाती हैं।

स्नोडेन लीक मामला और कैंब्रिज एनालिटिका मामले ने दुनिया को दिखाया कि कैसे सरकारें और कॉरपोरेट सेक्टर दोनों ही गलत तरीके से लाभ हासिल करने के लिए सोशल मीडिया डेटा में हेरफेर कर सकते हैं।

लेकिन पत्रकार ट्विटर से लगातार जुड़े रहते हैं, उन्हें इस पर अपनी खबरें पोस्ट करने में मदद मिलती है और वे इसके जरिए समाचार एकत्र करने का भी काम करते हैं। वर्ष 2014 में अमेरिका के प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने पत्रकारों से ‘न्यूज़रूम’ और ‘व्यावसायिक पक्ष’ के बीच के अलगाव को तोड़ने तथा सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स की संख्या बढ़ाने का आग्रह किया था।

ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डोमिनिक लासोर्सा, सेठ लुईस और एवरी होल्टन ने पत्रकारों के करीब 22,000 ट्वीट्स का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि पत्रकार पारंपरिक मीडिया की तुलना में सोशल मीडिया पर अधिक स्वतंत्र रूप से अपनी राय देते हैं।

(360 इंफो) रवि कांत नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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