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छेड़छाड़ मामला: ममता और पुलिस को छोड़कर 100 लोगों को सीसीटीवी फुटेज दिखाएंगे राज्यपाल

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

कोलकाता, आठ मई (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस के खिलाफ एक महिला कर्मचारी द्वारा छेड़छाड़ का आरोप लगाये जाने की पृष्ठभूमि में, राजभवन ने बुधवार को कहा कि वह “राजनीतिक नेता” ममता बनर्जी और “उनकी पुलिस” को छोड़कर 100 लोगों को संबंधित सीसीटीवी फुटेज दिखाएगा।

राज्यपाल पर आरोप के बाद, पुलिस ने राजभवन से संबंधित सीसीटीवी फुटेज साझा करने का अनुरोध किया था। राज्यपाल ने हालांकि, अपने कर्मचारियों को इस संबंध में पुलिस के साथ सहयोग नहीं करने का निर्देश दिया।

राजभवन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि पुलिस के मनगढ़ंत आरोपों की पृष्ठभूमि में, राज्यपाल बोस ने ‘सच के सामने’ कार्यक्रम शुरू किया है।

उसने लोगों से राजभवन में कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ईमेल या फोन पर अनुरोध भेजने को कहा और पहले 100 लोगों को बृहस्पतिवार सुबह राजभवन के अंदर फुटेज देखने की अनुमति दी जाएगी।

पोस्ट में कहा गया है, “राज्यपाल ने फैसला किया है कि सीसीटीवी फुटेज को पश्चिम बंगाल का कोई भी नागरिक देख सकता है – सिवाय राजनीतिक नेता ममता बनर्जी और उनकी पुलिस के, क्योंकि उन्होंने जो रुख अपनाया है वह सबके सामने है।”

राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने शुक्रवार को राज्यपाल पर गवर्नर हाउस में छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए कोलकाता पुलिस में लिखित शिकायत दायर की है।

बोस ने आरोप को “बेतुका नाटक” बताया था और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राजनीति को “गंदी” करार दिया था।

कोलकाता पुलिस ने महिला कर्मचारी द्वारा बोस पर लगाए गए छेड़छाड़ के आरोप की जांच के लिए एक जांच दल का गठन किया है।

पुलिस ने आरोप की जांच के सिलसिले में राजभवन के कुछ अधिकारियों और वहां तैनात पुलिसकर्मियों को तलब किया है।

हालांकि, संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत किसी राज्यपाल के खिलाफ उसके कार्यकाल के दौरान कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है।

भाषा प्रशांत सुभाष

सुभाष

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