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एससीबीए ने संगठन की कार्यकारी समिति में पद आरक्षित करने के न्यायालय के आदेश पर चिंता जताई

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें कहा गया है कि संगठन की कार्यकारिणी समिति में महिलाओं के लिए पद आरक्षित करने का उच्चतम न्यायालय का निर्देश उसकी स्वतंत्रता को ‘प्रभावित’ करता है।

एससीबीए ने रेखांकित किया कि शीर्ष अदालत ने ‘एससीबीए के प्रासंगिक नियमों पर विचार किये बिना’ दो मई को आदेश पारित किया था। एसोसिएशन की ओर से शुक्रवार को पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि उसने ‘भविष्य में उठाये जाने वाले कदमों पर विचार करने’ के वास्ते एक बैठक बुलाने का संकल्प लिया है।

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को अपने आदेश में कहा कि आगामी 2024-2025 एससीबीए चुनावों में कोषाध्यक्ष का पद महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाए। आदेश में यह भी कहा गया है कि वकीलों के निकाय एससीबीए की कार्यकारी समिति में कम से कम एक तिहाई सीट आरक्षित करनी होंगी।

एससीबीए की कार्यकारी समिति ने अगले ही दिन बैठक की और प्रस्ताव पारित किया।

इसमें कहा गया है कि कार्यकारिणी समिति का मानना ​​है कि एससीबीए नियमों के प्रासंगिक प्रावधानों पर विचार किए बिना ‘सर्वोच्च न्यायालय के लिए आदेश पारित करने का शायद उचित अवसर नहीं था’।

एससीबीए चुनाव 16 मई को होंगे और मतों की गिनती 18 मई को होगी। नतीजे अगले दिन घोषित किए जाएंगे।

भाषा सुरेश पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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