होम देश उड़ानें रद्द होने के मामले में कांग्रेस, भाकपा ने नागर विमानन मंत्रालय...

उड़ानें रद्द होने के मामले में कांग्रेस, भाकपा ने नागर विमानन मंत्रालय से हस्तक्षेप को कहा

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

तिरुवनंतपुरम, आठ मई (भाषा) एअर इंडिया एक्सप्रेस की अनेक उड़ानें अंतिम समय में रद्द किए जाने और केरल के विभिन्न हवाईअड्डों पर इसके खिलाफ नाराज यात्रियों के प्रदर्शन के मद्देनजर कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने बुधवार को केंद्र से समस्या के समाधान के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।

राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीशन ने केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर यात्रियों की समस्या का उल्लेख किया और प्रभावित लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के लिहाज से उनसे तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया।

सतीशन ने पत्र में लिखा कि बड़ी संख्या में यात्रियों को हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद उड़ान रद्द होने के बारे में पता चला।

उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम एशिया की ओर जाने वाले अनेक लोगों को उनकी नौकरी जाने का डर है क्योंकि वे समय पर नहीं पहुंच पाएंगे।’’

सतीशन ने कुछ खबरों के हवाले से कहा कि विमानन कंपनी ने हवाईअड्डों पर फंसे हुए यात्रियों को भोजन और ठहरने संबंधी सुविधा प्रदान करने का शिष्टाचार भी नहीं दिखाया।

भाकपा के राज्य सचिव बिनय विश्वम ने भी नागर विमानन मंत्रालय से यात्रियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया।

उन्होंने एक बयान में कहा कि एअर इंडिया एक्सप्रेस की 70 से अधिक उड़ान रद्द होने के बाद देश के अनेक हवाईअड्डों पर हजारों यात्री फंसे हुए हैं।

विश्वम ने कहा, ‘‘इससे उन लोगों की रोजगार संबंधी संभावनाओं पर भी असर पड़ा है जो विदेश में नौकरी करना चाहते हैं या जिन्हें छुट्टियों के बाद काम पर लौटना है।’’

उन्होंने कहा कि विमानन कंपनी के अनुसार एअर इंडिया एक्सप्रेस के चालक दल के सदस्यों के सामूहिक अवकाश लेने की वजह से ऐसे हालात पैदा हुए हैं।

विश्वम ने कहा कि एयरलाइन के कर्मचारियों को ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि प्रबंधन ने उनकी चिंताओं और समस्याओं को दूर करने की कोशिश नहीं की।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई एअर इंडिया के निजीकरण का असर न केवल कर्मचारियों पर बल्कि यात्रियों पर भी पड़ा है।’’

भाषा वैभव प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

Exit mobile version