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आखिर क्या है अमित शाह के 20 किलो वजन कम होने का रहस्य?

अमित शाह की 2014 और 2018
अमित शाह की 2014 और 2018 की तस्वीरें

सूत्र बताते हैं कि भाजपा अध्यक्ष अपनी पार्टी के सहयोगियों को अपनी तरह सख्त दिनचर्या अपनाने को कह रहे हैं, हालांकि अधिकांश इसमें सफल नहीं हो पा रहे.

नयी दिल्लीः भाजपा नेताओं को अक्सर ही पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से राजनीतिक सुझाव मिलते हैं, हालांकि अब वे वजन कम करने की सलाह भी पा रहे हैं. आखिरकार, बैरिएट्रिक सर्जरी के जादू के बगैर ही शुद्ध प्राकृतिक तरीकों से शाह ने लगभग 20 किलो वजन कम किया है.

भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, पहले से फिट और पतले शाह द्वारा अक्सर ही अपने पार्टी सहयोगियों को स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है. हालांकि, बहुत कम ही इस मोर्चे पर गंभीरता पूर्वक कुछ कर पा रहे हैं, अधिकांश मुस्कुरा कर और सिर हिला कर रह जाते हैं.

जिन कुछ लोगों ने उनका रास्ता अपनाया है, अब उसे बरकरार रखने में मुश्किलें झेल रहे हैं, क्योंकि शाह की दिनचर्या और भोजन बहुत सख्त है. सूत्र बताते हैं कि शाह को डायबिटीज है और वर्षों से लोग उनको वजन कम करने को बोल रहे हैं. कुछ कहते हैं कि बाबा रामदेव ने उनको कुछ योगासन भी सिखाने की कोशिश की थी. हालांकि, भाजपा अध्यक्ष ने फिट होने पर एक साल पहले ही ध्यान दिया और अपनी जीवनशैली को पूरी तरह बदलने का फैसला कर लिया.

अब, चुनावी मौसम में भी, जब उनकी दिनचर्या बहुत व्यस्त होती है, शाह कम से कम अपना वजन तो जस का तस रख पाते हैं.

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दिनचर्या

एक फैसला, जिसने शाह की मदद की, वह दरअसल 7.30 बजे के बाद डिनर लेना बंद करना था। यह माना जाता है कि रात में देर से खाने से वजन बढ़ता है और इसे टालना चाहिए.

दूसरा कदम स्वास्थप्रद और भरपूर नाश्ता है. अक्सर कहा जाता है कि चावल और गेहूं को किसी भी रूप में एकसाथ नहीं खाना चाहिए. शाह दोनों ही मिलाकर खाते हैं. हालांकि, उन्होंने चीनी लेना बहुत कम कर दिया है.

सूत्र कहते हैं कि उनका दिन पतंजलि के गिलोय-आंवला जूस से होता है और उसके बाद बिना चूके वह सुबह की सैर को जाते हैं. सूत्र के मुताबिक, “वह जहां भी हों, सुबह की सैर पर जरूर जाते हैं. अगर वह संभव नहीं है, जैसे वह कैंपेन कर रहे हैं या कहीं औऱ व्यस्त हैं, तो भी वह कैलोरी कम करने का कोई रास्ता निकाल लेते हैं”.

शाह अपने भोजन-चर्या को भी दुरुस्त रखते हैं. एक वरिष्ठ मंत्री ने एक बार कहा कि वह अपनी गाड़ी में भोजन लेकर चलते हैं और अगर वह जानते हैं कि उन्हें देर होगी, तो वह खाकर फिर काम करते हैं.

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