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अदालत का बच्ची को वापस अमेरिका भेजने का आदेश, कहा-निहित स्वार्थ के लिए उसका अपहरण किया गया

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

मुंबई, नौ मई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने हाल ही में सात वर्षीय एक बच्ची को उसके पिता के संरक्षण में अमेरिका वापस भेजने का निर्देश देते हुए कहा कि लड़की की मां उसे अगवा कर भारत ले आई थी।

अदालत ने कहा कि हालांकि, अमेरिका की एक अदालत ने बच्ची का स्थायी तौर पर संरक्षण उसके पिता को प्रदान किया था।

पीठ ने सात मई को पारित अपने आदेश में कहा कि मां ने अपने निहित स्वार्थ की पूर्ति की और एक बार भी बच्ची के हित के बारे में नहीं सोचा।

उनकी (बच्ची के पिता और मां की) 2015 में शादी हुई थी और अमेरिका चले गए। 2016 में उनकी बेटी का जन्म हुआ। हालांकि, 2023 में, दंपति अलग हो गए और बच्ची के सरंक्षण की मांग करते हुए अमेरिका की एक अदालत में एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमा दायर किया।

अमेरिकी अदालत ने पहले आदेश दिया कि व्यक्ति को अपनी बेटी का स्थायी तौर पर संरक्षण देने से पहले बच्ची, माता-पिता दोनों के साथ रह सकती है।

हालांकि, दिसंबर 2023 में महिला अपनी बेटी के साथ भारत लौट आई और अपने अलग रह रहे पति के खिलाफ घरेलू हिंसा की आपराधिक शिकायत दर्ज कराई।

इसके बाद, पति ने अपनी पत्नी के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और अपनी बेटी को अमेरिका वापस भेजने का अनुरोध किया।

अदालत ने निर्देश दिया कि अगर पत्नी, बेटी के साथ अमेरिका लौटती है, तो उसे अदालत के आदेशों का पालन करना होगा और पति उसकी यात्रा और रहने का खर्च वहन करेगा।

अदालत ने स्पष्ट किया कि यह व्यवस्था 30 जून, 2024 तक या अमेरिकी अदालत, जिसके अधिकार क्षेत्र में है, आगे के निर्देश तक बनी रहेंगी।

भाषा धीरज सुभाष

सुभाष

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