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अगस्त, 2019 के बाद जम्मू कश्मीर की सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ : शीर्ष सैन्य कमांडर

(अनिल भट्ट)

उधमपुर, पांच मई (भाषा) सेना के एक शीर्ष कमांडर ने कहा है कि अगस्त 2019 के बाद से जम्मू कश्मीर की सुरक्षा स्थिति में ‘जबरदस्त सुधार’ हुआ है और स्थिरता आई है तथा लोगों और सुरक्षाबलों के बलिदान के जरिए केंद्रशासित प्रदेश अपने गौरवशाली अतीत को पुनः प्राप्त कर रहा है।

उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओसी-इन-सी) लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने यहां पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि सुरक्षा बलों ने 2021 में 180 आतंकवादियों का सफाया किया और आतंकवादियों के लिए काम करने वाले 495 लोगों को गिरफ्तार किया जिससे जम्मू कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। इस साल के पहले चार महीनों में आतंकवादी समूहों के 87 ऐसे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों और सरकार के विभिन्न संगठनों के बीच बेहतरीन तालमेल के परिणामस्वरूप, अगस्त 2019 के बाद से जम्मू कश्मीर के अंदरूनी इलाकों की स्थिति में जबरदस्त सुधार देखा गया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और हिंसा से संबंधित सभी मानकों में काफी सुधार हुआ है।

लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने जम्मू कश्मीर की जमीनी स्थिति के बारे में बताया कि (आतंकवादियों समूहों में) भर्ती में 31 प्रतिशत की गिरावट आई है और 2020 में यह संख्या 192 थी जो 2021 में घटकर 148 रह गई। उन्होंने कहा कि आतंकवादी घटनाओं में 14 प्रतिशत की कमी आई है और 2020 में इनकी संख्या 137 थी जो 2021 में 119 हो गई।

शीर्ष कमांडर ने कहा कि बेहतरीन खुफिया नेटवर्क और लोगों की मदद के परिणामस्वरूप, सुरक्षा बलों ने 2021 में 180 आतंकवादियों का सफाया कर दिया जिनमें 18 विदेशी थे। उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादी हिज्बुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अल-बद्र और अंसार गजवत-उल-हिंद (एजीएच) जैसे संगठनों के थे।

लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘वर्ष 2022 के चार महीनों में 66 आतंकवादियों का सफाया कर दिया गया जिनमें 17 विदेशी शामिल हैं।’’

उन्होंने कहा कि कश्मीर क्षेत्र में अगस्त 2019 के बाद विमर्श बदल गया है। उन्होंने कहा, “और इस बदलाव में, नागरिक प्रशासन, सुरक्षा बल और समाज के नेताओं ने एक साथ हाथ मिलाया है। जब तक बचे हुए 168 से अधिक आतंकवादी आत्मसमर्पण नहीं कर देते या उनका सफाया नहीं कर दिया जाता, अभियान की तीव्रता बनी रहेगी।’

केंद्र ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त करते हुए इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था।

भाषा

अविनाश माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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