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भारत में जायडस कैडिला की DNA आधारित कोविड वैक्सीन को मिली इमरजेंसी मंजूरी

टीके की तीन खुराक दिए जाने पर यह सार्स-सीओवी-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन करता है जो बीमारी तथा वायरस से सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है.

जायडस कैडिला ने डीएनए आधारित कोविड वैक्सीन जायकोव-डी तैयार की है | फोटो: zyduscadila.com

नई दिल्ली: देश में बने जायडस कैडिला के कोविड टीके जाइकोव-डी को भारत के औषधि महानियंत्रक से आपात इस्तेमाल के लिये मंजूरी मिल गयी है. इस टीके को 12 साल व इससे अधिक उम्र के लोगों को दिया जा सकता है. जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी.

विभाग ने बताया कि डीएनए आधारित कोरोनावायरस रोधी दुनिया का पहला टीका है. इसके अनुसार टीके की तीन खुराक दिए जाने पर यह सार्स-सीओवी-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन करता है जो बीमारी तथा वायरस से सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है.

सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने यह भी कहा कि ‘प्लग-एंड-प्ले’ तकनीक जिस पर ‘प्लाज्मिड डीएनए प्लेटफॉर्म’ आधारित है, वायरस में उत्परिवर्तन से भी आसानी से निपटती है.

इसने कहा, ‘भारत के औषधि महानियंत्रक से जायडस कैडिला के टीके जाइकोव-डी को आज अर्थात 20 अगस्त को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल गयी है. कोविड-19 रोधी यह दुनिया का पहला और देश में विकसित ऐसा टीका है जो डीएनए पर आधारित है. इसे 12 साल की उम्र के अधिक के किशारों एवं वयस्कों को दिया जा सकता है.

विभाग ने कहा कि इस टीके को मिशन कोविड सुरक्षा के तहत डीबीटी के साथ मिल कर विकसित किया गया है.


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