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डायबिटीज की दवा मोटापे से पीड़ित लोगों में 20% वजन घटाने में मददगार पाई गई-अध्ययन

डेनमार्क की दवा कंपनी नोवो नॉर्डिस्क की तरफ से विकसित की गई सेमाग्लूटाइड को अमेरिका, कनाडा और जापान सहित कई देशों में डायबिटीज की दवा के तौर पर मंजूरी दी गई है.

वजन मापने वाली मशीन की प्रतीकात्मक तस्वीर / पिक्साबे

नई दिल्ली: एक नई दवा लोगों के शरीर का कुल वजन 20% तक ज्यादा प्रभावी ढंग से घटा सकती है. नई ग्लोबल स्टडी में सामने आए इस तथ्य से मोटापे से पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य में सुधार की नई उम्मीदें जगी हैं.

न्यू इंग्लैंड जर्नल फॉर मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक ट्रायल के दौरान पता चला कि सेमाग्लूटाइड लेने वाले 35% से अधिक प्रतिभागियों का वजन कुल भार के पांचवें हिस्से के बराबर तक घट गया.

डेनमार्क की दवा कंपनी नोवो नॉर्डिस्क की तरफ से विकसित सेमाग्लूटाइड को अमेरिका, कनाडा और जापान सहित कई देशों में डायबिटीज की दवा के तौर पर मंजूरी दी गई है.

दवा को पेप्टाइड-1 (जीएलपी-1) हार्मोन जैसे ह्यूमन ग्लूकागन की संरचनात्मक नकल जैसा बनाया गया है, जो भोजन के बाद स्वाभाविक तौर पर आंतों से छोड़ा जाता है और रक्त में मिल जाता है. यह हार्मोन मनुष्य को पेट भरा होने का अहसास कराता है.

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में प्रोफेसर और अध्ययन के प्रिंसिपल ऑथर में एक रशेल बाटरहम ने एक बयान में कहा, ‘इस अध्ययन के नतीजे मोटापे से पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में एक बड़ी सफलता को दर्शाते हैं. सेमाग्लूटाइड 2.4एमजी लेने वालों में से तीन चौथाई (75%) के शरीर के वजन का 10% से अधिक और एक तिहाई से अधिक का कुल वजन 20% से अधिक कम हो गया.’

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बाटरहम ने कहा, ‘अब तक कोई भी दवा इस स्तर पर वजन घटाने में कारगर नहीं रही थी—यह वास्तव में एक गेमचेंजर है. पहली बार लोग इस दवा के जरिये वो नतीजे हासिल कर सकते हैं जो पहले वजन घटाने की सर्जरी से ही संभव थे.


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ट्रायल

मोटापे से पीड़ित लोगों पर सेमाग्लूटाइड उपचार का असर (एसटीईपी) के तीसरे चरण के ट्रायल के दौरान ज्यादा वजन वाले या मोटापे के शिकार 1961 वयस्कों पर रैंडम कंट्रोल तरीके से परीक्षण किया गया. यह ट्रायल एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के 16 देशों में 129 स्थानों पर हुआ.

ट्रायल में शामिल प्रतिभागियों को साप्ताहिक आधार पर सेमाग्लूटाइड की 2.4 मिलीग्राम की खुराक या एक प्लेसबो इंजेक्शन दिया गया. ट्रायल 2018 में शुरू हुआ और 68 सप्ताह तक चला.

ट्रायल में शामिल रहे लोगों का वजन औसतन 15.3 किलोग्राम तक कम हुआ. वजन में समग्र स्तर पर कमी के साथ-साथ, कमर की माप, ब्लड फैट, ब्लड शुगर और रक्तचाप में कमी नजर आई—ये सभी से हृदय रोग और डायबिटीज होने का खतरा रहता है.

प्रतिभागियों के लिए नियमित रूप से काउंसिल सेशन चलते रहे, जिससे उन्हें कम-कैलोरी वाला आहार लेने और शारीरिक गतिविधि बढ़ाने का पालन करने में मदद मिली. इस दवा से हो रही प्रगति को मार्क करने के लिए प्रतिभागियों को बतौर प्रोत्साहन केटलबेल और फूड स्कूल दिए गए.

सेमाग्लूटाइड लेने वालों ने औसतन 15.3 किलोग्राम वजन घटाना जबकि प्लेसबो समूह ने औसतन 2.6 किलोग्राम वजन कम किया.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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