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‘पहले सेफ्टी डाटा जमा करें’ सरकारी समिति ने बच्चों पर कोवोवैक्स के दूसरे, तीसरे चरण के ट्रायल को ‘ना’ कहा

कोवोवैक्स के 2-17 साल के बच्चों पर होने वाले दूसरे या तीसरे चरण के ट्रायल को अनुमति न देने की सिफारिश, सीरम इंस्टीट्यूट ने डीसीजीआई से आवेदन कर 10 स्थानों पर 920 बच्चों पर टीके के ट्रायल की अनुमति मांगी थी.

कोविड टीका, प्रतीकात्मक तस्वीर | विकीमीडिया कॉमन्स

नई दिल्ली: देश में कोरोनो की दूसरी लहर की रफ्तार अब मंद हो रही है. लेकिन तीसरी लहर को लेकर किए जा रहे अनुमान को लेकर लगातार तैयारियां चल रही हैं. चूंकि विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि तीसरी लहर नौनिहालों पर भारी पड़ने वाली है इसलिए वैक्सीन निर्माता कंपनियां लगातार बच्चों की वैक्सीन पर काम कर रहे हैं.

लेकिन इस बीच केंद्रीय दवा प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को 2-17 आयुवर्ग के बच्चों पर कोविड-19 टीके ‘कोवोवैक्स’ के दूसरे या तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति न देने की सिफारिश की है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सीरम इंस्टीट्यूट ने सोमवार को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के समक्ष आवेदन करके 10 स्थानों पर 920 बच्चों पर कोवोवैक्स टीके के ट्रायल के संबंध में अनुमति मांगी थी.

एक सूत्र ने कहा, ‘ आवेदन पर विचार-विमर्श करने वाली केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन की कोविड-19 पर बनी विषय विशेषज्ञ समिति ने पाया कि इस टीके को किसी देश में अनुमति नहीं मिली है.’

उन्होंने कहा, ‘ समिति ने यह भी सिफारिश की है कि बच्चों पर कोवोवैक्स टीके के ट्रायल की अनुमति पर विचार करने के लिए कंपनी को व्यस्कों पर जारी इस टीके के क्लीनिकल ट्रायल के सुरक्षा एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़े आंकड़े पेश करने चाहिए.’

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भारत बायोटेक और जायडस के टीकों का बच्चों पर चल रहा है परीक्षण

बता दें कि हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के दो टीको का ट्रायल पहले से ही देश में चल रहा है. कोवैक्सीन और बीबीवी154, एक शॉट वाला नाक वाला टीका है. वहीं दूसरी तरफ जायडस भी 12-18 वर्ष की आयु के बच्चों पर टेस्ट शुरू कर दिया है.

अनुमान है कि जायडस कैडिला का टीका अगस्त से लगाया जा सकेगा. जुलाई के आखिर तक इसका ट्रायल खत्म हो जाएगा.

वहीं दूसरी तरफ भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के ट्रायल पर औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 12 मई मुहर लगा दी थी. दो से 18 साल आयुवर्ग के बच्चों में कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण करने की मंजूरी दी गई थी.

यह परीक्षण तीन हिस्सों में होना है और इसके तहत 12-18, 6-12 और 2-6 साल आयुवर्ग के 175-175 स्वयंसेवकों के तीन समूह बनेंगे. परीक्षण के दौरान टीके की दो खुराक मांसपेशियों में दी जाएंगी, जिनमें से दूसरी खुराक पहली खुराक लगने के 28वें दिन दी जाएगी.


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