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लिपस्टिक कम, आईलाइनर ज्यादा- COVID ने भारत के मेकअप बाजार को इस तरह बदला

कॉस्मेटिक बेचने वाली कंपनियों के अनुसार, लिपस्टिक की विभिन्न श्रेणियों के लिहाज से भी बदलाव नजर आ रहा है. उनके मुताबिक जो लोग लिपस्टिक खरीद भी रहे हैं वे भी ग्लॉसी की तुलना में अब स्मज और ट्रांसफर प्रूफ मैट वैरिएंट को तरजीह दे रहे हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर | करोलिना ग्रैबोव्स्का | पिक्साबे

नई दिल्ली : मास्क को रोजमर्रा के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बनाकर कोविड-19 महामारी ने मेकअप की दुनिया को एकदम बदलकर रख दिया है. अनुमानों के मुताबिक, होंठ ज्यादातर फेस मास्क के पीछे छिपे रहने के कारण लिपस्टिक की बिक्री पिछले साल की तुलना में 70 प्रतिशत तक घट गई गई है. वहीं अन्य कॉस्मेटिक उत्पादों, खासकर आई मेकअप की खरीद बढ़ी है.

यह एक ऐसा बदलाव है जो बाजार विश्लेषकों की नजर से छिपा नहीं रहा है. वित्तीय सेवा कंपनी एडलवाइस के विश्लेषक निहाल महेश झाम ने कहा, ‘कोविड-19 के कारण लागू पाबंदियों से भारतीय उपभोक्ताओं की आवाजाही पर पड़े असर के कारण लिपस्टिक के दैनिक इस्तेमाल की जरूरत घट गई है. कुल मिलाकर लिपस्टिक श्रेणी की बिक्री पिछले वर्ष या कोविड काल से पहले की तुलना में 70 प्रतिशत से अधिक घट गई है.’

कॉस्मेटिक बेचने वाली कंपनियों के अनुसार, लिपस्टिक की विभिन्न श्रेणियों के लिहाज से भी बदलाव नजर आ रहा है. उनके मुताबिक जो लोग लिपस्टिक खरीद भी रहे हैं वे भी ग्लॉसी की तुलना में अब स्मज और ट्रांसफर प्रूफ मैट वैरिएंट को तरजीह दे रहे हैं.

19,000 से अधिक ब्यूटी ब्रांड बेचने वाली दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन इंडिया में ब्यूटी, ग्रूमिंग और लक्जरी ब्यूटी प्रमुख मृणमय मेहता ने कहा, ‘मेकअप बाजार में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी वाली लिप कैटेगरी के कोविड पूर्व के समय की स्थिति में पहुंचने की दिशा में रफ्तार सबसे धीमी है.’

उन्होंने कहा, ‘काजल, आईलाइनर और मसकारा ऐसी कैटेगरी हैं जो आंकड़ों के लिहाज से साल-दर-साल अधिकतम वृद्धि देख रही हैं.’

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सौंदर्य प्रसाधन क्षेत्र की एक और शीर्ष खिलाड़ी न्याका, जो अपनी वेबसाइट, एप और स्टोर आदि पर 1,200 से अधिक ब्रांड की बिक्री करती है, ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में लिपस्टिक कैटेगरी में वृद्धि अन्य कैटगरी की तुलना में ज्यादा नहीं है.

न्याका के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘व्यापक स्तर पर बात करें तो पिछले कुछ महीनों में स्किनकेयर, हेयर, हाइजीन और पर्सनल केयर उत्पादों की बिक्री में खासी वृद्धि दिखी है. मेकअप की सब-कैटेगरी के स्तर पर होठों की तुलना में आंखों और नाखूनों के लिए इस्तेमाल होने वाले उत्पादों में अच्छी-खासी वृद्धि दिखी है.’ साथ ही जोड़ा, ‘ई-कॉमर्स के साथ-साथ हमारे स्टोर में भी आई पैलेट जैसे उत्पादों की बिक्री में लगातार तेजी नजर आ रही है.’

हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल), जिसके उत्पादों के बुके में ब्रांड लक्मे शामिल है, ने भी यह कहते हुए इस दावे की पुष्टि की कि उसने देखा है कि ‘लिपस्टिक की तुलना में आई मेकअप और नेल पॉलिश की रेंज ने बाजार में बहुत तेजी से वापसी की है.’

हालांकि, ई-कॉमर्स प्लेयर फ्लिपकार्ट ने एक अलग ही आकलन सामने रखा. कंपनी का दावा है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने लॉकडाउन से पहले की तुलना में 75 फीसदी वृद्धि दर के साथ लिपस्टिक की मांग में बड़ी उछाल दर्ज की है.

अन्य बातों के अलावा बिक्री के लिहाज से लॉकडाउन पूर्व की तुलना में आंकड़ों में वृद्धि के पीछे एक तथ्य यह भी हो सकता है कि सार्वजनिक रूप से आवाजाही पर पाबंदियों के कारण लोग स्टोर पर जाकर खरीदने के बजाये ई-कॉमर्स पोर्टल का विकल्प अपनाने लगे हैं.


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फ्लिपकार्ट ने यह भी कहा कि आंखों के मेकअप उत्पादों की बिक्री तेजी हुई है. फ्लिपकार्ट प्रवक्ता ने कहा, ‘इसमें कोई दो राय नहीं कि आंखों के मेकअप पर उपभोक्ताओं का फोकस बढ़ा है.’ साथ ही जोड़ा कि इसकी वजह यह है कि अगर किसी ने मास्क लगा भी रखा है तब भी आंखें दिखती रहती हैं. प्रवक्ता ने बताया कि आई मेकअप में पूरी कैटेगरी (सौंदर्य प्रसाधन) की तुलना में दोगुना तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है.

उन्होंने कहा, ‘देशभर के टियर 2 और 3 शहरों में भी उपभोक्ता अब काजल जैसे बेसिक प्रोडक्ट की तुलना में मसकारा और आईशैडो को अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या का हिस्सा बना रहे हैं.’

एचयूएल प्रवक्ता ने इससे सहमति जताते हुए कहा, ‘उपभोक्ता अपनी आंखों के मेकअप को लेकर ज्यादा प्रयोग कर रहे हैं.’

ग्लॉसी के बजाये मैट अपना रहे

लिपस्टिक कैटेगरी में अमेजन इंडिया, फ्लिपकार्ट और एचयूएल सभी ने एक ट्रेंड बढ़ने की बात कही कि ऐसे उत्पादों की मांग बढ़ी है जो किसी चीज के संपर्क में आने पर आसानी से अपने निशान नहीं छोड़ते.

अमेजन इंडिया के मेहता ने कहा कि ट्रांसफर-प्रूफ मैट लिपस्टिक का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है. ‘और अधिक से अधिक ब्रांड इस तरह के नए उत्पादों को लॉन्च कर रहे हैं.’

अमेजन इंडिया का कहना है कि मेबेलिन, फेस कनाडा, रेवलॉन, स्विस ब्यूटी और शुगर कॉस्मेटिक्स जैसे ब्रांड ‘अपने उत्पादों को लेकर इनोवेशन कर रहे हैं और साथ ही न्यू नॉर्मल के मुताबिक कम्युनिकेशन में भी बदलाव कर रहे हैं’

मास्क का प्रचलन बढ़ने के संदर्भ में एचयूएल प्रवक्ता ने कहा, ‘उपभोक्ता लंबे समय तक चलने वाली स्मज प्रूफ-लिपस्टिक पसंद कर रहे हैं जो उनके मास्क में निशान न छोड़े और जिसे लगाना भी आसान हो.’

फ्लिपकार्ट ने भी इस दावे का समर्थन किया.

ग्रूमिंग प्रोडक्ट की मांग भी बढ़ी

महामारी के बाद की स्थिति में एक और ट्रेंड उभरकर सामने आया है कि हेयर कलर, बाल काटने वाली कैंची और चिमटी और मैनीक्योर और पैडीक्योर किट जैसे सेल्फ ग्रूमिंग प्रोडक्ट की बिक्री बढ़ी है क्योंकि महामारी के कारण सैलून आना-जाना सीमित हो गया है.

मेहता ने कहा, ‘हालांकि, हमने कंज्यूमर सेंटीमेंट में तेजी देखी है और (सौंदर्य प्रसाधन) कैटेगरी में 20 जुलाई के बाद से सुधार हुआ है, खासकर नाखून और आंखों के लिए इस्तेमाल होने उत्पादों की स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई है.’

फ्लिपकार्ट ने कहा कि पिछले छह महीनों के दौरान उपभोक्ताओं ने मेकअप की सभी कैटगरी में प्राइमर, हाइलाइटर्स, कंसीलर आदि वर्टिकल को आजमाया है.

फ्लिपकार्ट प्रवक्ता ने कहा, ‘कोविड-19 महामारी ने इस साल सभी ऑनलाइन प्लेटफार्म में उपभोक्ता के खरीदारी व्यवहार को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. देशभर में पिछले छह महीनों के दौरान उपभोक्ता द्वारा हर महीने खरीदी जाने वाली आवश्यक वस्तुओं की परिभाषा रोजमर्रा की चीजों में बदल गई है.’

प्रवक्ता ने कहा, ‘इसे दैनिक उपयोग में आने वाले मेकअप उत्पादों में से कुछ, जैसे सिंदूर, नेलपॉलिश रिमूवर, आईलाइनर और बिंदी आदि, की बढ़ती मांग के रूप में आसानी से देखा जा सकता है. क्योंकि उपभोक्ताओं का अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए ई-कॉमर्स पर भरोसा बढ़ा है.’

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