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भारत ‘स्मॉल बंप’ की ओर बढ़ रहा, अमेरिकी मॉडल बताता है कि नवंबर में कोविड की तीसरी लहर पीक पर होगी

मिशिगन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भ्रमर मुखर्जी का यह भी कहना है कि तीसरी लहर में बच्चों का सबसे ज्यादा प्रभावित होना महज अटकल ही है, लेकिन बच्चों के टीकाकरण की संभावनाओं को तलाशना बेहद जरूरी है.

कोविड स्क्रीनिंग के दौरान एक डॉक्टर तापमान नापते हुए/ प्रतीकात्मक तस्वीर/ प्रवीण जैन/ दिप्रिंट

नई दिल्ली: देश में जारी टीकाकरण अभियान की धीमी गति और प्रभावी प्रजनन दर यानी आर वैल्यू फरवरी के बाद पहली बार 1 के पार पहुंचने के बीच सरकार के विशेषज्ञों सहित तमाम मॉडलिंग अनुमान ऐसे संकेत दे रहे हैं कि अक्टूबर-नवंबर के आसपास भारत तीसरी कोविड-19 लहर के पीक पर पहुंच सकता है.

मिशिगन यूनिवर्सिटी के एक मॉडलिंग प्रोजेक्शन से पता चलता है कि भारत अगस्त के अंत में ‘स्मॉल बंप’ की ओर बढ़ रहा है, और नवंबर के आसपास तीसरी लहर के पीक पर पहुंच सकता है.

मिशिगन यूनिवर्सिटी में जॉन डी. कल्बफ्लिश कॉलेजिएट प्रोफेसर ऑफ बायोस्टैटिस्टिक्स भ्रमर मुखर्जी ने दिप्रिंट को बताया, ‘मुझे इन दीर्घकालिक पूर्वानुमान मॉडल के अनुमानों पर थोड़ा संदेह है क्योंकि चीजें हमारे कार्यों और नीतिगत उपायों के आधार पर तेजी से बदलती हैं. हमारे मॉडल संकेत दे रहे थे कि भारत में जुलाई में मामले काफी घट जाएंगे.

उन्होंने आगे कहा, ‘अब हमारे मॉडल पूर्वानुमान लगाते हैं कि थोड़ी-बहुत तेजी के साथ संक्रमण के मामले फिर बढ़ने के आसार हैं लेकिन इस माह (अगस्त) के अंत तक पीक पर नहीं पहुंचेंगे. इसके बजाय ज्यादा घातक तीसरी लहर का पीक नवंबर के आसपास नजर आने के आसार हैं.

मुखर्जी, जो इस समय भारत में ही हैं, ने बताया कि उन्होंने अपने मॉडलिंग प्रोजेक्शन के पूर्वानुमान के आधार पर सामान्य तौर पर फॉल सीजन सत्र की शुरुआत से पूर्व अगस्त में आने के बजाये जुलाई में ही भारत की यात्रा करने का विकल्प चुना.

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मिशिगन में उनकी टीम केवल एब्सोल्यूट नंबर की बजाय हफ्ते-दर-हफ्ते मामलों में हो रहे उतार-चढ़ाव की दर के आधार पर ट्रेंड का पता लगाती है. उन्होंने फरवरी में भारत में दूसरी लहर आने की भविष्यवाणी की थी.


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बच्चे तीसरी लहर की चपेट में आएंगे? मुखर्जी ने चिंताएं खारिज कीं

मुखर्जी भारत में बच्चों के लिए कोविड-19 टीकाकरण शुरू नहीं होने के मद्देनजर तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चों के ही प्रभावित होने को लेकर जारी अटकलों को खारिज करती हैं.

उन्होंने कहा, ‘सच कहूं तो भारत में बच्चों के तीसरी लहर की चपेट में आने को लेकर जारी चर्चाओं ने मेरी उत्सुकता बढ़ा दी है. सीरो सर्वेक्षणों से संकेत मिलता है कि युवा वयस्कों में पर्याप्त सीरोप्रिवलेंस है, लेकिन बच्चों में जोखिम को लेकर रिपोर्ट दुनियाभर में दुर्लभ है. ऐसा लगता है कि बच्चों और किशोरों में बीमारी के हल्के लक्षण दिखाई देते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘फिर भी भारतीय आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा 0-18 आयु वर्ग वाला है, उनके लिए अब तक कोई टीका उपलब्ध नहीं है. हमें इस आयु वर्ग के लिए टीकाकरण के विकल्पों को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाना चाहिए.’


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लेकिन वह वयस्कों में टीकाकरण की गति को लेकर भी चिंतित हैं

मुखर्जी ने कहा, ‘अभी जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है, वह है टीकाकरण की गति में उल्लेखनीय तेजी, ताकि जब तक केस फिर बढ़ने की स्थिति आए तब तक आबादी के बड़े हिस्से को वैक्सीन की सुरक्षा उपलब्ध हो सके. इससे अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या घटेगी.’

भारत में जुलाई और अगस्त के दौरान टीकाकरण की गति प्रतिदिन 40 लाख से कम खुराक रही है. पिछले 24 घंटों में टीके की 17,06,598 खुराक दी गई हैं.

भारत सरकार ने कहा है कि अगस्त महीने के लिए 15 करोड़ वैक्सीन खुराक उपलब्ध होंगी, जिसका मतलब है कि प्रतिदिन 50 लाख से अधिक खुराक से ऊपर पहुंचना मुमकिन नहीं होगा. यह सरकार के प्रतिदिन एक करोड़ वैक्सीन खुराक के लक्ष्य से बहुत दूर है, जबकि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने जुलाई मध्य तक यह लक्ष्य हासिल होने की बात कही थी.

क्या कहते हैं विभिन्न मॉडल

मुखर्जी का पूर्वानुमान कुछ उसी तरह का है जैसा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-कानपुर और आईआईटी-हैदराबाद के शोधकर्ताओं के आकलन में सामने आया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इंटरनल मॉडलिंग अनुमानों से भी पता चलता है कि अक्टूबर तक केस कुछ कम रहने के आसार हैं, इसके बाद आंकड़े फिर से बढ़ने लगेंगे.

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘आंकड़ों में थोड़ी स्थिरता के बाद अंततः इसमें कमी आने लगेगी लेकिन शायद अक्टूबर तक इसमें वृद्धि शुरू हो जाएगी. ऐसा इसलिए क्योंकि हालिया सीरो सर्वेक्षण के अनुसार तब तक एंटीबॉडी का स्तर कम होना शुरू हो जाएगा और वायरस भी म्यूटेट हो जाएगा.’

टीकाकरण की गति के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, ‘हम इस पर नजर बनाए हैं. लेकिन हम उम्मीद कर रहे हैं कि सितंबर-अक्टूबर तक हमारे पास पर्याप्त संख्या में वैक्सीन उपलब्ध होगी. हम आपूर्ति में खासी वृद्धि की उम्मीद करते हैं और मेरी बात याद रखिएगा कि हम ऐसी स्थिति में जब वैक्सीन लगवाने के इच्छुक लोगों की संख्या से ज्यादा टीके उपलब्ध होंगे.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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