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कोविड होने पर मिलने वाली इम्युनिटी वैक्सीन से अधिक प्रभावी, फिर भी वैक्सीनेशन कराना फायदेमंद

संक्रमित होने पर हमारी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली कई तरह के वायरस प्रोटीन के संपर्क में आती है जबकि कोविड रोधी टीके से एक ही एंटीजन- स्पाइक प्रोटीन के संपर्क में आती है.

उत्तर प्रदेश में एक महिला कोविड वैक्सीन लगवाती हुई, | प्रतीकात्मक तस्वरी | ThePrint

सोलना (स्वीडन): तेल अवीव के माकाबी हैल्थकेयर सर्विसेज के अनुसंधानकर्ताओं ने हाल में एक प्रीप्रिंट अध्ययन जारी किया जिसमें बताया गया कि कोविड-19 रोधी टीकाकरण करवाने वाले लोगों के मुकाबले उन लोगों को कोरोनावायरस के डेल्टा स्वरूप से पुन: संक्रमित होने का जोखिम कम है जो कोविड-19 से पीड़ित रह चुके हैं. कुछ लोगों ने इसका मतलब यह निकाल लिया कि टीकाकरण करवाने से अच्छा कोविड से पीड़ित हो जाना है.

यह कोई बड़ी बात नहीं है कि कोविड से पीड़ित होने पर टीकाकरण के मुकाबले कहीं अधिक दीर्घकालिक प्रतिरोधक क्षमता मिलती है. संक्रमण से दो-चार होने पर हमारी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली कई तरह के वायरस प्रोटीन के संपर्क में आती है जबकि कोविड रोधी टीके से एक ही एंटीजन- स्पाइक प्रोटीन के संपर्क में आती है.

नए साक्ष्य सामने आए हैं जो बताते हैं कि गंभीर और हल्के संक्रमण के बाद विकसित रोग प्रतिरक्षा क्षमता लक्षण और गैर लक्षण वाले संक्रमण से बचाव करती है. इस अध्ययन की अभी समीक्षा नहीं की गई है. वैसे, अध्ययन में, प्राकृतिक रूप से प्राप्त प्रतिरक्षा क्षमता के बारे में तो बात की गई है लेकिन संक्रमण के जरिए इसे प्राप्त करने के जोखिम पर विचार नहीं किया गया. इसमें टीकाकरण से मिलने वाले लाभों के बारे में भी कुछ नहीं कहा गया.

टीका नहीं लगवाने के पीछे आम कारण यह बताया जाता है टीकाकरण के बजाए संक्रमित होने का इंतजार करना और प्राकृतिक प्रतिरक्षा क्षमता हासिल करना एक विकल्प है. लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि संक्रमण होने के बाद प्रतिरक्षा क्षमता प्राप्त करने की भारी कीमत भी चुकानी पड़ सकती है.

संक्रमण के कारण गंभीर रूप से बीमार होने, यहां तक की मौत तक के जोखिम के अलावा हाल के अध्ययनों में बताया गया कि स्वस्थ लोगों को भी कोविड से उबरने के बाद दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होने का जोखिम अधिक रहता है. उन्हें हृदय की मांसपेशियों में दिक्कत (म्योकाउडाइटिस), खून के थक्के जमना, आघात जैसी समस्याएं हो सकती हैं जो टीकाकरण करवाने वाले लोगों को नहीं होंगी. वैसे भी टीकों की सुरक्षा संबंधी निगरानी करने पर अमेरिका में पाया गया है कि कोविड रोधी टीके सुरक्षित एवं प्रभावी हैं.

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दुनियाभर में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. डेल्टा स्वरूप के कारण लोगों की जान जा रही है. ऐसे में प्राकृतिक रूप से प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने के लिए संक्रमण होने का इंतजार करना, दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम उठाना, गंभीर रूप से बीमार होने या मौत का जोखिम उठाना खतरनाक है.

अध्ययन में देखा गया कि कोविड होने के बाद टीका लगवाने पर हाइब्रिड प्रतिरक्षा क्षमता विकसित होती है. कई अध्ययनों में पता चला कि संक्रमण के बाद टीका लगवाने पर एंटीबॉडी और टी-कोशिकाओं की प्रतिक्रिया भी उल्लेखनीय रूप से बढ़ जाती है.

अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र की हाल की एक रिपोर्ट में पता चला कि कोविड से उबरने के बाद जिन लोगों ने टीकाकरण करवाया, उनकी तुलना में कोविड से पीड़ित होने के बाद टीकाकरण नहीं करवाने वाले लोगों के पुन: संक्रमित होने का जोखिम अधिक है. अत: अगर आप संक्रमित हो चुके हैं तब भी टीकाकरण करवाना फायदेमंद है.


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