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डोर-टू-डोर कैंपेन में सरकार 48 जिलों को टार्गेट करेगी जहां पहली खुराक की कवरेज 50% से कम है

अभियान में शामिल किए जाने वाले ज्यादातर जिले पूर्वोत्तर के हैं. हालांकि, इस सूची में सबसे अधिक जिलों वाला राज्य झारखंड है.

कोविड वैक्सीन लगाने की तैयारी करते हुए स्वास्थ्यकर्मी, h

नई दिल्ली: घर-घर जाकर टीकाकरण करने के अभियान के पहले चरण में 13 राज्यों के उन 48 जिलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जहां कोविड वैक्सीन की पहली खुराक की कवरेज 16.1 से 49.9 प्रतिशत ही रही है. इनमें से ज्यादातर जिले पूर्वोत्तर के हैं.

अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से तैयार इस सूची को इसी सप्ताह की शुरुआत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के साथ राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के दौरान राज्यों के साथ साझा कर दिया गया है.

सूत्रों ने बताया कि बैठक में ‘हर घर दस्तक’ अभियान के तहत घर-घर जाकर टीकाकरण करने का फैसला किया गया, ताकि नवंबर अंत तक देश में पहली डोज की शत-प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित किया जा सके.

27 अक्टूबर तक नागालैंड के किफिर जिले में राष्ट्रीय औसत 77 प्रतिशत से अधिक के मुकाबले पहली खुराक की कवरेज 16.1 प्रतिशत ही पाई गई है. सूची में सबसे अधिक जिले झारखंड के हैं जहां 24 में से 10 जिले कम कवरेज की श्रेणी में आते हैं.

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अधिकारियों के अनुसार, टीकाकरण में पिछड़े राज्यों में इसकी प्रमुख वजह वैक्सीन को लेकर हिचकिचाहट नहीं बल्कि इनका दूरवर्ती इलाकों में होना है.

हालांकि, सूची में हरियाणा का नूंह भी शामिल है, जो राष्ट्रीय राजधानी से लगभग 200 किलोमीटर की ही दूरी है, और इसकी आबादी मुस्लिम बहुल है. सूची में तमिलनाडु का तिरुवल्लूर भी शामिल है जहां पहली खुराक की कवरेज 43.1 प्रतिशत है.

अधिकारियों ने कहा, ‘ऐसे में जबकि हर दिन टीकाकरण की संख्या में गिरावट के बीच निर्धारित समय बीतने के बाद भी बड़ी संख्या में दूसरी खुराक नहीं लगने के कारण खतरे की घंटी पहले ही बज चुकी है, भारत सरकार चाहती है कि आगामी त्योहारी सीजन से पहले इन जिलों को प्राथमिकता में शामिल किया जाए, ताकि देश में कोविड के मामले तेजी से बढ़ने से रोके जा सकें.’

अक्टूबर के दौरान, औसत दैनिक टीकाकरण प्रतिदिन लगभग 56.50 लाख रहा है जो सितंबर में 78.69 लाख के दैनिक औसत से काफी पीछे है. अधिकारियों ने कहा कि इसका मुख्य कारण यह है कि लोग त्योहारी सीजन के दौरान बुखार आदि जैसी मामूली प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं के डर से टीका नहीं लगवाना चाहते.


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10 करोड़ की दूसरी खुराक भी बाकी

राज्यों के साथ बैठक में स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने इस बात को रेखांकित किया कि देश में 10.34 करोड़ से अधिक लोग हैं जिन्होंने निर्धारित अंतराल के बाद दूसरी खुराक नहीं ली है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘उन लोगों तक पहुंचने और उन्हें टीका लगवाने की जरूरत है. वे टीका लगवाने को लेकर हिचकिचाने वालों में शामिल नहीं है, क्योंकि पहले ही एक खुराक ले चुके हैं. बहुत संभव है कि हाल में मामलों में कमी देखकर वह बेपरवाह हो गए हों या फिर चाहते हों कि त्योहारों का सीजन बीत जाए. बहरहाल, कुछ भी हो उनका टीकाकरण पूरा करने की आवश्यकता है.’

अधिकारी ने बताया, ‘टीकों की आपूर्ति की स्थिति भी अब काफी ठीक हो गई है.’

27 अक्टूबर तक राज्यों के पास कोविड टीकों की 11.81 करोड़ खुराकें उपलब्ध थीं. केंद्र ने दूसरी खुराक और विशेष रूप से कम कवरेज वाले जिलों में पहली खुराक दोनों को बढ़ाने के लिए राज्यों को सभी हितधारकों के साथ क्षेत्रीय और स्थानीय स्तर पर योजना तैयार करने को कहा है.

राज्यों के साथ अपनी बैठक के दौरान मंडाविया ने उन्हें को-विन पोर्टल पर उपलब्ध दूसरी खुराक पाने वाले लाभार्थियों के कवरेज के लिए जिला-वार योजना बनाने और उन पर अमल करने के लिए इनोवेटिव रणनीति अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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