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फाइजर और सीरम इंस्टीट्यूट के बाद भारत बायोटेक ने कोविड वैक्सीन के इमरजेंसी उपयोग की मंजूरी मांगी

कोवैक्सीन टीके का विकास भारत बायोटेक द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर स्वदेश में किया जा रहा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर | दिप्रिंट

नई दिल्ली: फाइजर और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के बाद हैदराबाद की फार्मास्युटिकल कंपनी भारत बायोटेक ने सोमवार को अपने कोविड-19 रोधी टीके के लिए आपात उपयोग की स्वीकृति हासिल करने के लिए केंद्रीय औषधि नियामक में आवेदन किया है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

कोवैक्सीन टीके का विकास भारत बायोटेक द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर स्वदेश में किया जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार दिसंबर को एक सर्वदलीय बैठक में उम्मीद जताई थी कि कोविड-19 का टीका कुछ सप्ताह में तैयार हो सकता है.

उसी दिन शाम को अमेरिकी फार्मास्युटिकल कंपनी फाइजर की भारतीय शाखा ने केंद्रीय औषधि नियामक से अपने टीके के आपात उपयोग की मंजूरी मांगी. इससे पहले इस कंपनी को ब्रिटेन और बहरीन में इस तरह की स्वीकृति मिल चुकी है.

सीरम इंस्टीट्यूट ने ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ के लिए छह दिसंबर को इस संबंध में मंजूरी मांगी थी.

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भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया तथा फाइजर के आवेदनों पर केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) में कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति आने वाले दिनों में विचार करेगी.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘हालांकि इनमें से अभी तक कोई भी आवेदन समिति को नहीं भेजा गया है और इस बारे में कोई तारीख तय नहीं की गयी है जब समिति आवेदनों का मूल्यांकन करने के लिए बैठक करेगी.’


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