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मथुरा-वृंदावन: प्रदूषण की वजह से यमुना में हजारों मछलियां मरी हुई पाई गईं

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कारखाने के पानी से प्रदूषित यमुना के पानी में नहाते बच्चे. (फोटो: वीरेंद्र सिंह/गेटी इमेजेज)

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, गंदे पानी और कारखानों से छोड़े गए प्रदूषक तत्वों के कारण ऑक्सीजन की कमी से मछलियों की मौत हुई है.

मथुरा/आगरा: मथुरा और वृंदावन में यमुना नदी में शुक्रवार और शनिवार को हजारों मछलियों के मृत पाए जाने के बाद भक्तों और तीर्थयात्रियों ने नदी को साफ रखने में नाकाम रहने के लिए सरकारी एजेंसियों को दोषी ठहराया. दीवाली पर गोवर्धन और यमुना की विशेष पूजा के लिए लाखों भक्त मथुरा आते हैं.

गुजरात के एक श्रद्धालु प्रदीप भाई ने कहा, ‘मैंने जैसे ही डुबकी लगाने के लिए जल में प्रवेश किया, मुझे चारों ओर मरी हुईं मछलियां नजर आईं.’

मथुरा में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि स्वच्छ न किए गए पानी और कारखानों द्वारा छोड़े गए प्रदूषक तत्वों के परिणामस्वरूप ऑक्सीजन की कमी के कारण मछलियों की मौत हुई है.

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बिना किसी जानकारी के अशोधित पानी को नदी में छोड़े जाने के लिए ओखला बैराज अधिकारियों को दोषी ठहराया है. वृंदावन में भी हजारों मृत मछलियां नदी में नजर आ रही हैं.

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फ्रेंड्स ऑफ वृंदावन ग्रुप के संयोजक जगन्नाथ पोडर ने शिकायत कहते हुए कहा, ‘केशी घाट के आसपास के पूरे क्षेत्र में रोजाना हजारों तीर्थयात्रियों का जमावड़ा लग रहा है और कोई भी यहां सफाई करने के लिए नहीं आया है.’

आगरा में रविवार को सैकड़ों कार्यकर्ता नदी सफाई अभियान ‘नदी कनेक्ट’ में शामिल हुए. पर्यावरणविद् देवाशीष भट्टाचार्य ने बताया, ‘हम चाहते हैं कि आगरा के लोग नदी की सफाई के काम में भाग लें जहां प्रदूषण की वजह से बड़ी संख्या में मछलियों की मौत हुई है.’

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