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कश्मीर में तकनीक और नए सुरक्षा ग्रिड के इस्तेमाल से पाकिस्तान से होने वाली घुसपैठ में काफी कमी आई

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस साल अभी तक 27 आतंकवादियों ने भारत में घुसपैठ की है. 2019 में ये आंकड़ा 130 था और 2018 में 129.

एलओसी के तंगधार सेक्टर से लगे नीलम घाटी में पीओके से जाने वाले वाहन | प्रतीकात्मक तस्वीर | स्नेहेश एलेक्स फिलिप | दिप्रिंट

तंगधार: जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से आतंकियों की घुसपैठ काफी हद तक कम हुई है. हालांकि पड़ोसी मुल्क की तरफ से आतंकियों और हथियारों की भारत में पहुंच बनाने की लगातार कोशिश जारी है. भारतीय सेना ने ये बात कही है.

15 कोर कमांडर के लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने बीते हफ्ते श्रीनगर में पत्रकारों के एक समूह से कहा, ‘हम काफी हद तक घुसपैठ को रोकने में सक्षम हैं. हालांकि आतंकियों और हथियारों को पहुंचाने की लगातार कोशिश जारी है.’

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस साल अभी तक 27 आतंकवादियों ने भारत में घुसपैठ की है. 2019 में ये आंकड़ा 130 था और 2018 में 129.

सैन्य और रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि भारी तादाद में सैनिकों की तैनाती, एंटी-इंफिलट्रेशन ग्रिड की री-शेपिंग और तकनीक के इस्तेमाल ने 2020 में घुसपैठ को रोकने में मदद की है.

हालांकि घुसपैठ में कमी आई है लेकिन सुरक्षा एजेंसियां आतंकवादियों द्वारा स्थानीय लोगों की भर्ती में तेजी को लेकर परेशान है.

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बटालियन और तकनीक

दिप्रिंट ने अप्रैल में बताया था कि सेना ने एलओसी पर गर्मी के महीनों के लिए नई रणनीति बनाई है जिससे घुसपैठ को रोका जा सके. जो कि गर्मी के दिनों से ही बढ़ने लगती है.

ये रिपोर्टर बीते हफ्ते कश्मीर के इलाकों और तंगधार सेक्टर से लगे एलओसी में घूमा है और कई सूत्रों से बात की है कि सीमा इलाके में सुरक्षा के ढांचे को कैसा मजबूत किया जा रहा है.

सूत्रों ने कहा कि गर्मियों की शुरुआत में ही एलओसी पर करीब तीन और बटालियंस को जोड़ा गया जिससे कश्मीर में 343.9 किलोमीटर की सीमा की रक्षा के लिए उपलब्ध कर्मियों की संख्या में वृद्धि हुई, जो 407.31 किलोमीटर की फेंसिंग से सुरक्षित है.

रक्षा प्रतिष्ठान के एक सूत्र ने कहा, ‘इससे पहले, तीन-स्तरीय एंटी घुसपैठ ग्रिड था. नए नंबर को पहले टियर में जोड़ा गया, जिसका मतलब था कि एलओसी पर बड़ी तैनाती से यह बहुत मजबूत हो गया है.’

इसी के साथ सेना तकनीत का भी इस्तेमाल कर रही है, हालांकि ये काफी साधारण और सस्ते किस्म के हैं जैसे कि कैमरा और सेंसर, जिसे फेंसिंग पर लगाया जा रहा है.

एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘उच्च-स्तरीय तकनीक कोई नहीं है लेकिन साधारण इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जा रहा है. इससे सैनिकों को अपने ऑपरेशन क्षेत्रों के बारे में सही तरह से जानकारी मिल सकेगी.’

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान ने पीओके से 39 आतंकी ट्रेनिंग कैंप्स को पीछे हटा लिया है. हालांकि अभी भी एलओसी के करीब 22 आतंकी लांचिंग पैड्स संचालित किए जा रहे हैं.

तीसरे सूत्र ने कहा, ‘करीब 300 आतंकी घुसपैठ करने की फिराक में है. उनकी कोशिश जारी है लेकिन नए सुरक्षा ग्रिड सिस्टम उन्हें नाकाम कर रहा है.’

हथियारों और गोला-बारूद की कमी का सामना कर रहे कश्मीर घाटी में आतंकवादी, नए क्षेत्रों और यहां तक ​​कि ड्रोन का उपयोग कर उपकरणों को पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.

चौथे सूत्र ने कहा, ‘जम्मू क्षेत्र, पंजाब से लगे अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर और यहां तक कि राजस्थान के जरिए हथियार और गोला-बारूद लाने की कोशिश हो रही है. प्राप्त इनपुट के मुताबिक उत्तर प्रदेश से भी हथियारों की खरीद हो रही है.’

2020 में बड़ी तादाद में हथियारों और गोला-बारूद को जब्त किया गया है. हालांकि, 15 कोर कमांडर ने विभिन्न प्रणालियों के लिए प्रत्येक इकाई द्वारा अर्जित बिंदु प्रणाली- बिंदुओं को वापस ले लिया है, यह नकली या ऑर्केस्ट्रेटेड लोगों के लिए किसी भी प्रोत्साहन को हटाने के लिए इस तरह की वसूली के लिए प्रशंसा और अन्य रूपों को अर्जित करने में मदद करता है.

अनुमान के मुताबिक, अभी कश्मीर घाटी में 207 सक्रिय आतंकवादी है और उनमें से 90 पाकिस्तानी है. हालांकि घुसपैठ की आधिकारिक संख्या 27 है. नए खुफिया इनपुट बताते हैं कि एम4 राइफल के साथ 18 और आतंकवादी दक्षिण कश्मीर तक पहुंच सकते हैं.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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