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अग्निपथ योजना पर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा- इससे भविष्य में होने वाले युद्धों के लिए हम तैयार होंगे

राजू ने बताया कि अभी से अगले 90 दिनों में पहली भर्ती शुरू होगी. तकरीबन 180 दिन बाद भर्ती किए गए लोग ट्रेनिंग सेंटर्स में होंगे और एक साल बाद हमारे पास 'अग्रनिवीर' का पहला बैच होगा जो कि बटालियन का हिस्सा होगा.

वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू | एएनआई

नई दिल्ली: वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने बुधवार को कहा कि अग्निपथ योजना की सबसे अच्छी बात है कि ये काफी धीमी गति से लाया जाएगा. राजू ने बताया, ‘इसके तहत पहले साल देशभर से सिर्फ 40 हजार भर्तियां की जाएंगी और उन्हें 6 महीनों तक प्रशिक्षित किया जाएगा.’

उन्होंने बताया, ‘ट्रेनिंग के बाद 3.5 साल तक जवान अपनी सेवाएं देंगे और 4 साल पूरे होने के बाद उनमें से सिर्फ 25 प्रतिशत लोगों को सेना में रहने के लिए जरूरी व्यवहार के स्तर पर बनाए रखा जाएगा.’

राजू ने बताया कि बाकी बचे 75 प्रतिशत को 4 साल बाद सेना में नहीं रखा जाएगा. उनका कहना है, ‘इस योजना से भविष्य में होने वाले युद्धों के लिए हम तैयार होंगे.’

राजू ने बताया कि अभी से अगले 90 दिनों में पहली भर्ती शुरू होगी. तकरीबन 180 दिन बाद भर्ती किए गए लोग ट्रेनिंग सेंटर्स में होंगे और एक साल बाद हमारे पास ‘अग्रनिवीर’ का पहला बैच होगा जो कि बटालियन का हिस्सा होगा.

राजू ने कहा, ‘अग्निपथ का असर भारतीय सेना को युवा, स्वस्थ्य और अधिक तकनीक-प्रेमी होने का अवसर देने के संदर्भ में होगा.’

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बीएस राजू ने बताया कि सेना में सैनिक की औसतन उम्र तकरीबन 32-33 साल होती है. उन्होंने कहा, ‘अग्निपथ के तहत अगले 8-10 साल में हम सैनिक की उम्र 26 साल तक लाने में सफल होंगे. इससे सेना अधिक स्वस्थ होगी और हम उन कठिन क्षेत्रों में और अधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से निपटने में सक्षम होंगे जहां सैनिक ऑपरेट करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘तकनीकी हथियारों के लिए, हम भारतीय सेना के लिए आवश्यक कौशल में पहले से ही योग्य लोगों की भर्ती के लिए तत्पर हैं. हम आईटीआई, पॉलिटेक्निक के संसाधनों का इस्तेमाल करेंगे ताकि जब हम उन्हें सेना में ले जाएं, तो बाद के प्रशिक्षण की आवश्यकता कम हो जाए.’

बता दें कि भारत सरकार ने मंगलवार को सेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए एक नई ‘अग्निपथ योजना’ का ऐलान किया था. इसके तहत बढ़ते वेतन और पेंशन खर्च को कम करने के लिए संविदा के आधार पर बहुत कम समय के लिए सैनिकों की भर्ती की जएगी, जिन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा.

मंगलवार को सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा था, ‘अग्निपथ योजना का उद्देश्य सशस्त्र बलों में भर्ती में आमूल-चूल परिवर्तन लाना है.’


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