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भारतीय सेना, PLA ने 2020 के बाद आखिरी टकराव पॉइंट का निकाला हल, भारत डी-एस्केलेशन की जल्दी में नहीं 

टकराव बिंदु मई 2020 में बना था जब चीनी सेना ने आक्रामकता दिखाई और एलएसी पर यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की.

मई 2020 में भारतीय सेना की टुकड़ी लद्दाख की ओर जाती हुई | फाइल फोटो- ANI

नई दिल्ली: भारत और चीन ने मंगलवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर मई 2020 के बाद अंतिम टकराव बिंदु को हल किया. दोनों देशों के सैनिकों ने गोगरा हाइट्स-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में अपने-अपने सैनिकों को वापस बुला लिया.

सरकारी सूत्रों ने कहा, ‘भारत और चीन की सेनाओं ने आज पूर्वी लद्दाख सेक्टर में पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 के पास गोगरा हाइट्स-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी की. दोनों पक्षों ने टकराव बिंदु से सैनिकों को वापस बुलाने के बाद एक-दूसरे की स्थिति का सत्यापन भी पूरा कर लिया है.’ पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास भारतीय सेना के पेट्रोलिंग पॉइंट 15 के पास टकराव का बिंदु दोनों पक्षों द्वारा हल किया जाने वाला अंतिम बिंदु था. दोनों पक्षों ने गलवान घाटी में और पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण दोनों किनारों पर टकराव बिंदुओं को सुलझाया था.

टकराव बिंदु मई 2020 में बना था जब चीनी सेना ने आक्रामकता दिखाई और एलएसी पर यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान ने जोरदार जवाबी कार्रवाई की और चीनी प्रयासों को विफल कर दिया.

वरिष्ठ सरकारी सूत्रों ने कहा कि चीनी पक्ष पीपी -15 क्षेत्र से पीछे हटने के साथ-साथ डी-एस्केलेशन भी चाहता था, लेकिन भारत पूर्वी लद्दाख सेक्टर में स्थिति को कम करने की जल्दी में नहीं है, जहां दोनों पक्षों ने लगातार बातचीत जारी रखी है. 50,000 सैनिक एक दूसरे के आमने-सामने हैं.

सूत्रों ने कहा, ‘फिलहाल पूरी तरह से तनाव कम करना संभव नहीं होगा क्योंकि भारत दौलत बेग ओल्डी सेक्टर और डेमचोक क्षेत्र में मुद्दों पर बात करना चाहेगा, जहां चीनी सेना द्वारा अभी भी भारतीय गश्त पर आपत्ति जताई जा रही है.’

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राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय द्वारा संचालित भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान का विचार है कि वर्तमान स्थिति का उपयोग चले आ रहे मुद्दों पर ध्यना दिया जाना चाहिए, जिसमें बहुत पहले के मुद्दे भी शामिल हैं.

भारतीय सेना ने चीनी आक्रमण का डटकर मुकाबला किया और आमने-सामने और झड़पों के 24 महीने बाद भी, सेना प्रमुख मनोज पांडे के निर्देशों के अनुसार इस मुद्दे से निपटने वाली संरचनाएं चीनी सेना पर दबाव डालती रहीं.

उत्तरी कमान हर समय से बहुत सक्रिय रही है और विशेष रूप से हाल के दिनों में आगे बढ़ी है क्योंकि इसने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में जून में ब्लिट्जक्रेग अभ्यास, अगस्त में अभ्यास रेड हंट और अगस्त-सितंबर में नवीनतम एक अभ्यास पर्वत प्रहार सहित तीन प्रमुख युद्ध खेल आयोजित किए थे.

भारतीय सेना का यह भी मानना ​​है कि अगर पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर इतनी बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया गया है, तो उन्हें लंबे समय से लंबित मुद्दों का समाधान हासिल करने के बाद ही आराम करना चाहिए.


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