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ब्रह्मोस के बाद DRDO ने किया ‘शौर्य’ मिसाइल का सफल परीक्षण, 1000 किमी तक है मारक क्षमता

भारत ने देश में विकसित, परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम और आवाज की गति से भी तेज चलने वाली ‘शौर्य’ मिसाइल का ओडिशा के परीक्षण रेंज से शनिवार को सफल परीक्षण किया गया.

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प्रतीकात्मक तस्वीर: जमीन से हवा में मार करने वाली क्विक रिएक्शन सरफेस मिसाइल' का सफल परीक्षण किया

बालेश्वर (ओडिशा): भारत ने देश में विकसित, परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम और आवाज की गति से भी तेज चलने वाली ‘शौर्य’ मिसाइल का ओडिशा के परीक्षण रेंज से शनिवार को सफल परीक्षण किया.

रक्षा सूत्रों ने बताया कि इस मिसाइल की मारक क्षमता 700 किलोमीटर से 1,000 किलोमीटर के बीच है और यह 200 किलोग्राम से 1,000 किलोग्राम भार ले जाने में सक्षम है. यह मिसाइल भारत की के-15 मिसाइल का भूमि संस्करण है.

उन्होंने बताया कि सतह से सतह पर मार करने वाली इस सामरिक मिसाइल को अपराह्न 12 बजकर 10 मिनट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के प्रक्षेपण परिसर चार से प्रक्षेपित किया गया.

यह मिसाइल 10 मीटर लंबी है और इसका व्यास 74 सेमी और वजन 6.2 टन है. इसके दो चरण ठोस प्रणोदक का इस्तेमाल करते हैं.

सूत्रों ने इस परीक्षण को सफल बताया.

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उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक मिसाइल पूरी सटीकता के साथ बंगाल की खाड़ी में अपने तय बिंदु पर पहुंची.

सूत्रों ने बताया कि इस परीक्षण के दौरान मिसाइल पर विभिन्न दूरमापी स्टेशनों और रडार से नजर रखी गई और उसने अच्छा प्रदर्शन किया.

सूत्रों ने कहा, ‘ डीआरडीओ अधिकारियों ने शौर्य को उच्च प्रदर्शन वाली नेविगेशन और मार्गदर्शन प्रणालियों, कुशल प्रणोदन प्रणालियों, अत्याधुनिक नियंत्रण प्रौद्योगिकियों और कनस्तर प्रक्षेपण प्रणाली के साथ दुनिया की शीर्ष 10 मिसाइलों में से एक बताया है.’

उन्होंने बताया कि इस मिसाइल को लाना-ले जाना आसान है. इसे ट्रक पर रखे कनस्तरों से भी दागा जा सकता है. ट्रक को प्रक्षेपण स्थल बनाया जा सकता है.

सूत्रों ने बताया कि ‘शौर्य’ मिसाइल को ऐसे स्थानों पर रखा जा सकता है, जहां इस पर दुश्मन की नजर नहीं पड़ सके. उपग्रह से ली गई तस्वीरों की मदद से भी इसका पता नहीं लगाया जा सकता.


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