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CDS और सचिव DMA के पद को अलग कर सकती है मोदी सरकार, दोनों पर आसीन थे जनरल बिपिन रावत

सीडीएस ऑफिस पर न केवल सशस्त्र बलों के एकीकरण का ज़िम्मा था, बल्कि सचिव डीएमए के तौर पर नौकरशाही का काम भी था. अब एकीकृत रक्षा स्टाफ प्रमुख सचिव डीएमए हो सकता है, और सीडीएस को रिपोर्ट कर सकता है.

सीडीएस बिपिन रावत की फाइल फोटो | फोटो- सूरज सिंह बिष्ट

नई दिल्ली: दिप्रिंट को पता चला है कि नरेंद्र मोदी सरकार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) और सचिव सैन्य मामले विभाग (डीएमए) के पद को अलग करने की संभावना पर विचार कर रही है, जिन दोनों पर पहले दिवंगत जनरल बिपिन रावत आसीन थे.

रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा, कि 8 दिसंबर 2021 को भारत के पहले सीडीएस जनरल रावत की मौत के बाद, हालांकि नया सीडीएस नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन सरकार उसकी भूमिका को ठीक करने की संभावना पर ग़ौर कर रही है.

ऐसा सीडीएस ऑफिस के अनुभव के आधार पर किया जा रहा है, जिसपर न केवल सशस्त्र बलों के एकीकरण का ज़िम्मा था, बल्कि सचिव डीएमए के तौर पर नौकरशाही का भी काफी काम था.

रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक सूत्र ने कहा, ‘एक विचार चल रहा है कि सीडीएस और सचिव के पद को अलग अलग किया जा सकता है. एकीकृत रक्षा स्टाफ प्रमुख (सीआईएससी) को, जो एक ‘कमांडर’ रैंक का पद होता है, सचिव डीएमए बनाया जा सकता है और वो सीडीएस को रिपोर्ट करेगा’.

जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे ने- सबसे वरिष्ठ होने के नाते- अध्यक्ष, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) का कार्यभार संभाल लिया था और वो सीडीएस का काम भी देख रहे थे. लेकिन जनरल नरवाणे पिछले महीने रिटायर हो गए, और सबसे वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी के अध्यक्ष सीओएससी का पद संभालने की संभावना है.

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सचिव डीएमए का काम अंतिम मंज़ूरी के लिए, सीआईएससी के ज़रिए रक्षा मंत्रालय के पास जाता था.


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डीएमए को अभी भी वर्दीधारी कर्मी ही चलाएंगे

पिछले साल मई में, इतिहास में पहली बार थलसेना, वायुसेना और नौसेना के वर्दीधारी कर्मियों को रक्षा मंत्रालय में औपचारिक रूप से अतिरिक्त सचिव और संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया था.

उन सबकी नियुक्ति डीएमए में की गई थी.

सीडीएस पद की मांग लंबे समय से चली आ रही है, ख़ासतौर से 2001 में 1999 के कारगिल युद्ध की समीक्षा के बाद.

हालांकि सेना के भीतर मांग एक पांच-सितारा जनरल (या समकक्ष) पद के लिए थी, लेकिन सीडीएस का पद चार-सितारा बनाया गया.

लेकिन जिस बात ने सैन्य हलक़ों को हैरान कर दिया, वो ये थी कि सीडीएस सचिव डीएमए भी था. इस तरह वो रक्षा मंत्रालय में एक सचिव बन गया- जैसे सचिव, रक्षा उत्पादन और सचिव, भूतपूर्व सैनिक कल्याण.

हैरानी इसलिए थी क्योंकि एक चार-सितारा जनरल (या समकक्ष) प्रोटोकोल में सचिव से ऊपर होता है, लेकिन नए सिस्टम में सीडीएस भी एक सचिव था.

डीएमए रक्षा मंत्रालय में मौजूद इन चार वर्टिकल्स के अतिरिक्त था- रक्षा विभाग, रक्षा अनुसंधान, रक्षा उत्पादन एवं विकास, तथा भूतपूर्व सैनिक कल्याण.

नए सीडीएस की नियुक्ति?

सरकार ने अभी इस पर निर्णय नहीं लिया है कि नया सीडीएस कौन होगा, बावजूद इसके कि ये पद क़रीब पांच महीने से ख़ाली पड़ा है.

सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रक्रिया चल रही है, और उन्होंने ये भी कहा कि सीडीएस ऑफिस और डीएमएस ऑफिस का काम चल रहा है, क्योंकि उसका बंदोबस्त किया हुआ है.

एक सूत्र ने कहा, ‘तीनों सेवाओं में सबसे वरिष्ठ प्रमुख सीओएससी अध्यक्ष बन जाता है. इसलिए काम चल रहा है. जहां तक डीएमए का सवाल है, रक्षा विभाग के काम का बोझ बढ़ गया है, लेकिन ये कुछ समय के लिए है’.

जैसा कि दिप्रिंट ने ख़बर दी थी, जिनके नामों पर सीडीएस पद के लिए विचार किया जा रहा है, उनमें तीन सेवा प्रमुख और कमांडर रैंक के चार तथा तीन – सितारा अधिकारी शामिल हैं.

समझा जा रहा है कि सरकार के भीतरनिर्णय लेने वाली एक शीर्ष बॉडी ने, कुछ नियमों में संशोधनों को मंज़ूरी दे दी है, जिसके बाद अब किसी रिटायर्ड अधिकारी को सीडीएस पद पर वापस लाए जाने की संभावना बन सकती है.

लेकिन अभी ये निर्णय नहीं लिया गया है, कि सीडीएस के पद पर कोई रिटायर्ड अधिकारी बैठेगा या सेवारत.

सूत्रों ने कहा कि अगर वो कोई रिटायर्ड अधिकारी है, तो दौड़ में सबसे आगे एक तीन सितारा सैन्य अधिकारी है, जिसे ऑपरेशंस की योजनाएं बनाने के लिए जाना जाता है, और जिसे पश्चिमी और उत्तरी दोनों थिएटर्स की जानकारी है.

ये भी समझा जा रहा है कि अगर किसी सेवारत अधिकारी को सीडीएस के तौर पर लाया जाता है, तो उसके सेना से आने की संभावना नहीं है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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