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राष्ट्रपति विक्रमसिंघे जानते हैं कि श्रीलंका को क्या चाहिए, भ्रष्ट संस्थानों पर सख्ती करनी चाहिए

दिप्रिंट का 50 शब्दों में सबसे तेज़ नज़रिया.

50 Words
दिप्रिंट का 50 शब्दों में सबसे तेज़ नज़रिया

भीड़ द्वारा उनके घर को जलाने के बाद अपने राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए चुने गए, राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे पहले से जानते हैं कि श्रीलंका कगार पर है. बर्बाद हुई अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए विक्रमसिंघे को स्थिरता और जनता के समर्थन की जरूरत है. उन्हें हिंसक प्रदर्शनकारियों पर सख्त होने की आवश्यकता होगी-लेकिन वे भ्रष्ट संस्थानों को भी उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रहे हैं.

 

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