प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अपने भाषण में भेदभावरहित शासन पर जोर दिया. हालांकि, जब तक भाजपा सरकारें भेदभावपूर्ण कानून लागू करती रहेंगी तब तक लोगों के बीच पहुंचने की कोशिश असंगत रहेगी. सीएए/एनआरसी, ‘लव जिहाद’ पर हो-हल्ला और ‘सबका साथ, सबका विकास’ का वादा एक साथ नहीं चल सकता.
भेदभावरहित शासन पर मोदी का जोर स्वागत योग्य, लेकिन भेदभावपूर्ण कानून लोगों तक पहुंचने में मददगार नहीं
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